रक्षा बंधन पर्व श्रेष्ठ मुहुर्त 31अगस्त बृहस्पतिवार को: पंडित संजय प्रपन्नाचार्य
बेहट (सहारनपुर) रक्षा बंधन पर्व श्रावण मास पूर्णिमा तिथि में मनाया जाता है कभी कभी चंद्रमा की गति के कारण पर्वों पर तिथि के प्रारंभ एवं समाप्ति काल के कारण सामान्य जन मानस मे असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
इस वर्ष भी 30 -अगस्त को दोपहर 11बजे पूर्णिमा तिथि भद्रा के साथ प्रारंभ होगी और भद्रा रात्रि 9बजे तक रहेगी जिसमें रक्षा सूत्र (राखी ) बांधने का निषेद्य (मनाही ) हैं शास्त्रीय मत से 9बजे रात्रि उपरांत रक्षाबंधन कर सकते हैं। परंतु सामाजिक एवं शास्त्रीय दृष्टि से रक्षाबंधन पर्व भाई बहन के प्रेम त्याग समर्पण उपवास का पर्व है। आज भी अधिकतर भाई बहन बिना अन्न जल ग्रहण किये रक्षाबंधन का पर्व मनाते है। इस दृष्टि से 30अगस्त रात्रि 9बजे राखीपर्व मनाने मे उमंग आनंद का अनुभव नही होगा।
31अगस्त को पूर्णिमा तिथि सूर्योदय कालीन 7बजे तक है। सूर्योदय कालीन तिथि पर्व संपूर्ण दिन माना जाता है, अत:शास्त्रीय एवं लोक व्यवहार दोनो ही दृष्टि से 31 अगस्त बृहस्पतिवार को रक्षाबंधन का त्योहार मनाना शुभ और श्रेष्ठ है।
सारांश
30अगस्त पूर्णिमा दोपहर 11बजे प्रारंभ, भद्रा दोपहर 11बजे से रात्रि 9बजे तक, (रक्षाबंधन पर्व मनाने कानिषेध काल),
31अगस्त सूर्योदय कालीन पूर्णिमा रक्षाबंधन पर्व मनाने का श्रेष्ठ मुहुर्त, संपूर्ण दिन सूर्योदय कालीन रक्षाबंधन पर्व है।