शामली के 60 से ज्यादा गांवों में बिजली आपूर्ति ठप

बृहस्पतिवार रात बारिश बृहस्पतिवार रात बारिश के बाद मौबृहस्पतिवार रात बारिश के बाद मौसम कुछ ठंडा होने के कारण लाइन पर लोड कम हो गया जिस कारण फाल्ट नहीं आया।सम कुछ ठंडा होने के कारण लाइन पर लोड कम हो गया जिस कारण फाल्ट नहीं आया।के बाद मौसम कुछ ठंडा होने के कारण लाइन पर लोड कम हो गया जिस कारण फाल्ट नहीं आया।

चौसाना। विद्युत कर्मचारियों एवं अधिकारियों के हड़ताल पर जाने के कारण बिजलीघरों पर ताले लटके रहे। बृहस्पतिवार रात में हुए ब्रेकडाउन के बाद से बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण लोगों को बिजली-पानी की समस्या से जूझना पड़ा। खोड़समा उपकेंद्र पर शुक्रवार की शाम को कर्मचारियों ने ताला लगा दिया। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल तैनात रहा।हड़ताल की वजह से चौसाना विद्युत उपकेंद्र, शामली-श्यामला बिजलीघर, खेड़ी खुशनाम, दथेड़ा और टोड़ा उपकेंद्र सहित खोड़समा बिजली उपकेंद्र पर आपूर्ति बाधित रही। चौसाना के पांच उपकेंद्रों पर आपूर्ति बाधित होने से क्षेत्र के करीब 60 गावों में अंधेरा पसरा है। ग्रामीणों ने बताया कि रात्रि नौ बजे शामली श्यामला में ब्रेकडाउन के कारण कट हुआ था। जिसके बाद से आपूर्ति सुचारू नहीं हुई।बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण निजी मोबाइल ऑपरेटर के नेटवर्क दो घंटे तक बाधित रहे। दरअसल मोबाइल टावर पर जनरेटर की व्यवस्था नहीं थी। लंबे समय से बिजली न आने के कारण चार्जिंग बैकअप खत्म हो गया। लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा।

कैराना, बाबरी। बृहस्पतिवार सुबह से ही ऊंचागांव फीडर से खेतों को जाने वाली सप्लाई ठप हो गई है। शुक्रवार शाम मन्ना माजरा निवासी किसान अखलाक चौधरी शामली रोड स्थित 33 केवी विद्युत उपखंड केंद्र पर पहुंचे। मौके पर केवल एसएसओ कुलदीप सिंह मौजूद थे। कुलदीप ने बताया कि यहां कोई लाइनमैन नहीं है। बृहस्पतिवार रात बारिश के बाद मौसम कुछ ठंडा होने के कारण लाइन पर लोड कम हो गया जिस कारण फाल्ट नहीं आया।

ऊंचागांव खेत फीडर बृहस्पतिवार सुबह तथा तीतरवाड़ा और पंजीठ खेत फीडर शुक्रवार सुबह से बंद पड़े हैं। जिस कारण किसानों को सिंचाई आदि की परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके अलावा बाबरी क्षेत्र के बुटराड़ा और हिरनवाड़ा में भी बृहस्पतिवार से बिजली गुल होने की शिकायत मिली।विद्युत कर्मचारियों के हड़ताल के कारण शुक्रवार को कई इलाकों में विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। कहीं कोई फाल्ट आया तो वह ठीक नहीं किया गया। ऐसा ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा देखने को मिला। कंट्रोल रूम पर करीब 10 शिकायतें ही आईं। लोग अधिकारियों को फोन करते रहे। ज्यादातर अधिकारियों के फोन बंद रहे। जिससे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।विभिन्न मांगों को लेकर विद्युत निगम के अधिकारी और कर्मचारी आंदोलनरत हैं। 14 मार्च की शाम उन्होंने मशाल जुलूस निकाला था। 15 व 16 मार्च को कार्य बहिष्कार कर अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान ओबरा और अनपरा विद्युत इकाई को एनटीपीसी या अन्य किसी कंपनी को देने का विरोध जताया। विद्युत कर्मी बृहस्पतिवार रात से 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए। पुरानी पेंशन बहाली, सभी विद्युत निगमों का एकीकरण, विद्युत कर्मियों को रियायती दर पर बिजली की सुविधा जारी रखने समेत अन्य मांग उठाई।