शेष जीवन को विशेष बनाने के लिए कर्म में धर्म का सामंजस्य जरूरी ; प्रेम किशोर कोठारी
••राष्ट्रीय विप्र परिषद् द्वारा तिथि एवं वर्तोत्सव निर्णय पत्रिका का विमोचन
संवाददाता नीतीश कौशिक
बागपत।राष्ट्रीय विप्र विद्वत् परिषद् द्वारा तिथि एवं व्रतोत्सव निर्णय पत्रिका का विमोचन नगर के बाबा जानकीदास मंदिर में किया गया। इस अवसर पर आयोजित धर्म सभा में मुख्य अतिथि शामली के कैराना पीठाधीश्वर श्रीजय स्वरूप जी महाराज का आशीर्वचनों में जीवनशैली और कर्म क्षेत्र में भी धर्म का सामंजस्य बनाए रखने की प्रेरणा दी गई।
कैराना पीठाधीश्वर स्वामी स्वामी जय स्वरूप ने कहा कि, वेद ही धर्म और अधर्म की परिभाषा प्रदान करता है, इसलिए वेद के मार्ग का अनुसरण करना चाहिए । परिषद् के कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पं राजकुमार शास्त्री द्वारा आगंतुकों का पटका पहनाकर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष पं जय भगवान शर्मा ने कहा कि, ब्राह्मणों का आभूषण संध्या है ,इसलिए प्रत्येक ब्राह्मण को त्रिकाल संध्या करनी चाहिए। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष आ उमेश कौशिक द्वारा संगठन के विस्तार पर चर्चा की गई और संगठन को और भी प्रभावी व उपयोगी बनाने की बात कही गई। राष्ट्रीय महामंत्री आचार्य प्रवीण पुलस्त्य ने कहा कि, कर्मकांड,ज्योतिष एवं वास्तु कर्म करने वाले विप्र देव, निस्वार्थभाव एवं परोपकार की भावना से यह कार्य करें और समाज में नवचेतना जागृत करें व समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने में अपना अहम योगदान प्रदान करें ,जिससे समाज जागृत हो और कुरीतियां स्वतः ही दूर हो जाएं।
इस अवसर पर शामली से पधारे राष्ट्रीय संगठन मंत्री पं प्रेम किशोर कोठारी द्वारा कहा गया कि , शेष जीवन शेष सबके लिए विशेष तभी होगा, जब इसमें धर्म कर्म अधिक से अधिक मात्रा में किया जाएगा। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आचार्य सतीश भारद्वाज द्वारा विप्र समाज के उत्थान के लिए आपसी सहयोग और संगठित रहने पर बल दिया गया।इस अवसर पर दिल्ली से पधारे आचार्य सुधीर शास्त्री गाजियाबाद से पं विपिन पांडे पंडित सोमदत्त शास्त्री गौरीशंकर शास्त्री खेकड़ा आचार्य यज्ञेश मिश्रा पं भृगुदत्त शास्त्री पं दयाराम शास्त्री पं उमाशंकर शास्त्री शिवम शर्मा रोहित शर्मा एड गगन गॉड पं बृजमोहन गौतम पं राजेश गौतम अमित गौतम दुर्गेश कौशिक पं कपिल आलम्बायन आदि उपस्थित रहे