पूर्व चेयरमैन मोहम्मद अय्यूब ने कांग्रेस का दामन छोड़ा रालोद सपा गठबंधन से नाता जोड़ा,,,, 2017 में कांग्रेस पार्टी में रहते हुए लडा था पालिका अध्यक्ष पद  का चुनाव भारी मतों से लहराया था जीत का परचम,,,,,

पूर्व चेयरमैन मोहम्मद अय्यूब ने कांग्रेस का दामन छोड़ा रालोद सपा गठबंधन से नाता जोड़ा,,,,  2017 में कांग्रेस पार्टी में रहते हुए लडा था पालिका अध्यक्ष पद  का चुनाव भारी मतों से लहराया था जीत का परचम,,,,,

 मवाना इसरार अंसारी। आगामी निकाय चुनाव के मद्देनजर नगर में कांग्रेस पार्टी का अस्तित्व कमजोर पड़ता देख और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं में आपसी मतभेद को देखते हुए नगर पालिका पूर्व चेयरमैन मोहम्मद अय्यूब ने कांग्रेस पार्टी छोडने का निर्णय लेते हुए सोमवार को राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी गठबंधन पार्टी का दामन थाम लिया। रालोद-सपा गठबंधन  पार्टी में शामिल होने के बाद पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने बधाई देते हुए ईमानदारी कर्तव्य निष्ठा के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। बता दें कि सन 2017 में हुए निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी में रहते हुए मोहम्मद अय्यूब ने पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था जिसमें हर वर्ग के मत मिलने के चलते उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की थी इस बार मोहम्मद अय्यूब और भी भारी मतों से विजय हासिल करने का मन बना चुके हैं। इसी के चलते आगामी निकाय चुनाव के मद्देनजर मोहम्मद अय्यूब कांग्रेश से नाता तोड़ते हुए सपा रालोद गठबंधन पार्टी कार्यालय पर आवेदन पत्र लेकर पहुंचे और रालोद-सपा गठबंधन पार्टी में शामिल होकर उक्त पार्टी से अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश कर सदस्यता ग्रहण की है। इस दौरान रालोद पार्टी से जुडे आवेदन समिति के सदस्य आतिर रिजवी ने बताया कि नगर निकाय चुनाव को लेकर सोमवार को महानगर कार्यालय पर कुल 22 आवेदन पत्र आए । नगर पालिका मवाना के निर्वतमान  चेयरमैन अय्यूब कालिया ने पिछले छह साल से कांग्रेस पार्टी का दामन थाम रखा था लेकिन कांग्रेस पार्टी की नीति से तंग आकर सोमवार को रालोद सपा गठबंधन पार्टी का दामन थाम लिया ओर जिसके बाद  सदस्यता ग्रहण की। बता दें कि पांच साल पहले चेयरमैन अय्यूब कालिया ने कांग्रेस पार्टी के सिभंल पर पहली बार नगर पालिका मवाना में चेयरमैन पद पर विजयश्री हासिल की थी। चेयरमैन अय्यूब कालिया ने बताया कि करीब छह साल से कांग्रेस पार्टी में रहकर कार्यकर्ताओं को साथ लेकर काम किया लेकिन पदाधिकारियों द्वारा सम्मान नहीं दिये जाने के बाद पार्टी को अलविदा कहने का मन बनाया। जिसके चलते सोमवार को कांग्रेस पार्टी छोड कर रालोद सपा गठबंधन का दामन थाम लिया है।