गौशाला बनाते समय गलत जमीन का चयन होने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश।

गौशाला बनाते समय गलत जमीन का चयन होने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश।

रमेश बाजपेई 

ऊंचाहार रायबरेली। सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल गौशाला की जमीन का गलत चयन होने से ग्राम सभा के लोगों में आक्रोश व्याप्त है,दरअसल बता दें कि ऊंचाहार तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा धुता एहत माली में गौशाला का निर्माण पशु पालन विभाग के द्वारा स्वीकृति कराई गई जिसको लेकर तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया और ग्राम सभा मे स्वीकृति भूमि की जांच करने के लिए बीडीओ हरिश्चंद्र गुप्ता जगतपुर तहसीलदार अजय गुप्ता,पशु चिकित्सा अधिकारी ऊंचाहार आये हुए थे,जिन्होंने ने मौके की जांच कर प्रधान से सांठगांठ कर रिपोर्ट लगा दी कि यहां पर गंगा की बाढ़ का पानी नही आता है लेकिन वहां पर मौजूद उमानाथ सिंह ने जांच टीम से आपत्ति जताते हुए कहा की यहां पर गंगा का जलस्तर बढ़ जाता है ,और समूचा क्षेत्र डूब जाता है लेकिन अधिकारियों ने उमा नाथ की बातों को बिलकुल भी ध्यान न दिया और साशन को एक गलत रिपोर्ट भेज दी,नतीजा ये हुआ कि जब गंगा में बाढ़ आई तो चयनित भूमि जलमग्न हो गई यही नही चयनित भूमि के सामने बने गौवंश आश्रय स्थल भी जलमग्न हो गया जिसमें पहले से बंधे मवेशियों की हालत बेहद खराब है ग्राम प्रधान के द्वारा पम्पिंग सेट लगवाकर गौशाला से पानी बाहर निकाला जा रहा जबकि इस मामले की शिकायत ग्राम सभा के रहने वाले उमनाथ नेजिलाधिकारी से कर मौके की पुनः जांच और गलत रिपोर्ट लगाने वाले अधिकारियों के खिलाफकार्यवाही की मांग की है यही नही उमनाथ ने कहा कि अगर जिलाधिकारी के द्वारा ऐसे दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही होती मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर मामले की शिकायत करूँगा और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करूँगा