नियमों को तांक रख मेले में खड़ा किया मौत का सामान
ताजी मिट्टी भराव पर लगा दिए भारी भरकम झूले
नियमों को तांक रख मेले में खड़ा किया मौत का सामान
- ताजी मिट्टी भराव पर लगा दिए भारी भरकम झूले
- पुराने जर्जर खटारा वाहनों से मौत के कुएं में होगा मनोरंजन
- मानको की चल रही है अनदेखी हो सकता है बड़ा हादसा
थानाभवन- मेला गुघाल में नियमों और मानकों की अनदेखी कर ताजी मिट्टी भराव पर भारी भरकम झूले लगा दिए गए हैं। जिनसे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। वही नियम विरुद्ध मौत का कुआं भी लगाया गया है। मेले में अगर बरसात हुई तो मिट्टी धसाव के कारण लोगों की जान आफत में आ सकती है। पुराने जर्जर एवं खटारा वाहनों के कारण भी हो सकता है बड़ा हादसा। संबंधित विभाग ने साधी चुप्पी।
शामली जनपद के थानाभवन में मेला गुघाल आयोजन इस बार खूब विवादों में रहा। मेला आयोजन को लेकर जहां नगर पंचायत बोर्ड एवं अधिशासी अधिकारी दोनों पक्षों में तनातनी के बाद मेले को ठेके पर भरवाने का निर्णय लिया गया। जिसमें मेले की ठेके की करीब 21 लाख रुपए में अब तक की सबसे ऊंची बोली बोली गई। वहीं मेले ठेकेदार से पहले ही मेले के नियमों को सार्वजनिक करते हुए बताया गया था कि किसी भी दुकानदार व अन्य लोगों से सरकारी रेट के अलावा पैसे की वसूली नहीं की जाएगी। वही मेले में धार्मिक संस्कृति एवं नियमों का ख्याल रखा जाएगा, लेकिन मेला ठेकेदार दुकानदारों से अपनी मनमानी के चलते मनमाने पैसे वसूल रहा है। जिससे गरीब लोग अपनी दुकान लगाने से परेशान है हलवा पराठा लगाने वाले दुकानदार का कहना है कि वह हर वर्ष मेले में अपना होटल लगते थे, लेकिन इस बार मेला ठेकेदार उनसे करीब डेढ़ लाख रुपए मांग रहा है। देने में असमर्थता जताने पर दुकान न लगाने की धमकी दी जा रही है। वहीं चाट की दुकान लगाने वाले दुकानदार ने बताया कि मेला ठेकेदार अपनी हठधर्मिता के चलते मनमाने पैसे वसूल रहा है एवं उन्हें उनकी दुकान के अनुसार भी जगह उपलब्ध नहीं करा रहा है। कई ऐसे दुकानदार हैं मेले ठेकेदार की हठधर्मिता से परेशान है। वही मेले ठेकेदार ने हाल ही में मेला ग्राउंड में ताजी मिट्टी भराव पर ही भारी भरकम झूलों को लगा दिया है। अगर मेले के समय बरसात हुई तो मिट्टी धसाव के कारण लोगों की जान पर आफत आ सकती है। अगर कोई हादसा हुआ तो आखिर कौन जिम्मेदार होगा। वहीं मेले में नियम विरुद्ध मौत का कुआं भी लगाया गया है। जिस पर कई लोग सवाल खड़े कर रहे हैं कि ऐसा घातक मनोरंजन का साधन बिना किसी विशेष सेफ्टी के करना लोगों की जान के लिए घातक हो सकता है। जबकि मेले में मौत के कुआं जैसे मनोरंजन की परमिशन भी नहीं है। अगर हादसा हुआ तो आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा। इस मामले में मेला ठेकेदार से मौत की कुआं की परमिशन मांगी गई तो उन्होंने बात को टालते हुए कहा कि मैने मेले का ठेका लिया है अपने अनुसार ही मेले का आयोजन करूंगा।
मौत के कुएं में दौड़ेंगे जर्जर खटारा वाहन
मौत का कुआं जैसा घातक मनोरंजन का साधन कई मेलों में हादसों के चलते कई लोगों की जान जोखिम में डाल चुके हैं। कई लोगों की जान भी गई है। जबकि मौत का कुआं में मानक विरुद्ध चलाई जा रही पुरानी खटारा मारुति एवं मोटरसाइकिल भी बिना किसी फिटनेस और पुराने जर्जर खटारा वाहन ही दौड़ा कर लोगो का मनोरंजन किया जाएगा ना तो यातायात विभाग एवं ना ही संबंधित विभाग इस ओर कोई ध्यान दे रहे हैं।