पुलिस मुकदमा दर्ज जांच की कार्यवाही में जुटी

पीड़ित ने लगाया बैंक कर्मचारियों पर दुर्व्यवहार का आरोप

पुलिस मुकदमा दर्ज जांच की कार्यवाही में जुटी

बैंक में फर्जी चेक लगाकर एक लाख रुपये निकालने के मामले में पीड़ित ने बैंक कर्मचारियों पर मिली भगत का आरोप लगा, पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश देकर कार्रवाई शुरू कर दी है। बैंक मैनेजर पर पीड़ित उपभोक्ता ने दुर्व्यवहार का भी आरोप लगाया है।

दरअसल मामला जनपद शामली के थानाभवन कस्बे का है। थानाभवन कस्बे के व्यापारी अश्वनी गोयल ने बताया कि वह नीलकंठ ट्रेडर्स के नाम से थाने के सामने ही व्यापार करता है। उसका पीएनबी बैंक थानाभवन में खाता है। उसके खाते से एक लाख रुपये निकलने का मैसेज उसके पास आया तो उसने बैंक में जाकर जानकारी करनी चाहिए तो आरोप है कि बैंक मैनेजर एवं बैंक कर्मचारियों ने पहले तो जानकारी देने से मना कर दिया। जबकि पुलिस से शिकायत के बाद जानकारी मिली कि चेक के द्वारा सिद्धार्थ नाम के व्यक्ति ने उनके खाते से एक लाख रुपये की नकदी निकाली है। जबकि व्यापारी ने बताया कि उन्होंने इस नंबर का चेक अन्य किसी व्यापारी को लगभग 48000 का जारी किया था। जबकि उनके द्वारा अभी तक चेक नहीं लगाया गया। किसी अन्य व्यक्ति ने उसी नंबर का फर्जी चेक लगाकर खाते से एक लाख रुपये निकाल लिए है। पीड़ित व्यापारी का कहना है कि उसके खाते से फर्जी चेक लगाकर ₹100000 बैंक कर्मचारियों की मिली भगत से निकाले गए हैं और ऊपर से बैंक कर्मचारी उसके साथ दुर्व्यवहार भी कर रहे हैं। पीड़ित ने पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक के आदेश के बाद थानाभवन पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। फिलहाल मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे पूर्व भी जलालाबाद के पंजाब नेशनल बैंक कर्मचारियों पर फर्जी लोन के मामले में मुकदमा दर्ज हो चुका है। वहीं लोगों का कहना है कि थानाभवन पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारियों द्वारा उपभोक्ताओं से सही व्यवहार नहीं किया जाता एवं उन्हें जानकारी भी नहीं दी जाती। मामला क्षेत्र में अब चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि इस मामले में बैंक के उच्च अधिकारियों का कहना है कि उनके संज्ञान में अभी मामला नहीं आया है बैंक प्रबंधक ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है। जानकारी मिलने के बाद उचित कार्रवाई कराई की जाएगी। जबकि बैंक में खाता धारकों के पैसे की पूरी जिम्मेदारी बैंक की बनती है अगर कोई भी फर्जी चेक से किसी के खाते से धनु राशि निकाल लेता है तो बैंक की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े होते हैं की कैसे उपभोक्ता बैंक में जमा किए गए पैसे को सुरक्षित समझे।