एनजीटी की गाइडलाइन के विरूद्ध मामौर में रात में किया जा रहा अवैध रेत खनन, वीडियो वायरल
नियमों को धता बताकर यमुना नदी से खनन करने वाले माफियाओं के कारनामे किसानों के लिए तबाही का सबब बनते हैं, क्योंकि माफिया यमुना नदी की बहती जलधारा के अंदर से पोर्कलेन मशीन के माध्यम से खनन कर गहरे कुंड बना देते हैं और जब-तब पानी आता है, तो यमुना नदी में भूमि कटाव के कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचता है। पूर्व में यह दंश किसान झेल चुके हैं। इसके अलावा यमुना नदी में हादसे की आशंका भी रहती है और बरसात के दिनों में क्षेत्र में बाढ़ की आशंका भी तटवर्ती बाशिंदों को सताने लगती है।
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चर्चाओं में रहा मामौर प्वाइंट, मिलती रहीं खामियां
मामौर खनन प्वाइंट अक्सर चर्चाओं में रहा है। एनजीटी की गाइडलाइन के विरुद्ध यमुना नदी पर अस्थाई पुल बांधने, जलधारा से छेड़छाड़ करने का मामला हो या फिर रात में खनन करने का, यहां माफियाओं की करतूतें अधिकारियों की कार्यशैली को भी कटघरे में खड़ी करती नजर आई है। हालांकि, अधिकारियों की जांच में पूर्व में खनन प्वाइंट पर भारी अनियमितताएं भी उजागर हुई थी, जिसके बाद पट्टाधारक पर जुर्माने की कार्रवाई सुनिश्चित की गई थी। बीते दिनों एसडीएम शिवप्रकाश यादव की छापेमारी में भी खनन प्वाइंट पर कांटे में गड़बड़ी पाई गई थी।
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जिले में अवैध रेत खनन से जुड़े मामलों की शिकायतों के चलते डीएम जसजीत कौर ने टास्क फोर्स का गठन किया हुआ हैं। मकसद तो यही है कि माफियाओं की धींगामुश्ती पर अंकुश और नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जा सकें। बावजूद इसके टास्क फोर्स द्वारा निगरानी नहीं की जा रही। खनन विभाग और स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। जबकि टास्क फोर्स की कार्रवाई भी दिखाई नहीं दे रही है। ऐसे में रातों में चल रहे खनन के खेल पर कैसे शिकंजा कसा जाएगा।
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डीएम ने लिया संज्ञान, बनाई टीम
डीएम जसजीत कौर का कहना है कि वीडियो पर संज्ञान लिया गया है। वीडियो में खनन करते दिख रहा है। मशीन भी नजर आ रहीं हैं। इसे लेकर एसडीएम, खनन अधिकारी व सीओ की संयुक्त टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच उपरांत जुर्माना और एफआईआर की कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएंगी।