एनजीटी की गाइडलाइन के विरूद्ध मामौर में रात में किया जा रहा अवैध रेत खनन, वीडियो वायरल

एनजीटी की गाइडलाइन के विरूद्ध मामौर में रात में किया जा रहा अवैध रेत खनन, वीडियो वायरल
 अवैध रेत खनन की वीडियो वायरल होने के मामले में डीएम ने दिए जांच के निर्देश
शामली,कैराना। वैध पट्टे की आड़ में अवैध रेत खनन कराने वाले ठेकेदारो के हौसले बुलंद हैं। एनजीटी की गाइडलाइन का उल्लंघन कर रात के अंधेरे में यमुना नदी से बेखौफ होकर अवैध रेत खनन का कार्य जारी हैं। अवैध रेत खनन की तीन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। मामला संज्ञान में आने पर डीएम ने संबंधित अधिकारियों को जांच कर खनन ठेकेदारो के विरुद्ध जुर्माना की कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
  कैराना तहसील के गांव मामौर स्थित यमुना नदी में 5 साल के लिए प्रशासन ने वैध खनन का पट्टा आवंटित कर रखा हैं। आवंटित किए जाने वाले खनन के पट्टों पर राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की गाइडलाइन के अनुसार सूर्यदेव से सूर्यास्त तक ही खदान की अनुमति दी गई हैं, लेकिन मामौर में रेत खनन ठेकेदारो की मनमानी यमुना नदी के अस्तित्व पर भारी पड़ती नजर आ रहीं हैं। ठेकेदारो ने तमाम नियम-कायदों को ठेंगे पर रख दिया हैं और दिन-रात भारी भरकम मशीने यमुना नदी में उतारकर अवैध रेत खनन किया जा रहा हैं। शनिवार को सोशल मीडिया पर रात के अंधेरे में यमुना नदी से रेत खनन किए जाने की तीन वीडियो वायरल हुई हैं। वीडियो में आवाज सुनाई पड़ रही हैं कि गांव मामौर में रात के समय में अवैध रेत खनन हो रहा हैं। वहीं वायरल वीडियो में पोर्कलेन मशीन यमुना नदी के अंदर से रेत निकालती नजर आ रहीं हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि खनन ठेकेदार कितने बेलगाम हो चुके हैं और उन्हें एनजीटी या प्रशासन किसी की भी कार्रवाई का कोई खौफ नहीं रहा। अवैध रेत खनन से सरकार को प्रतिदिनप राजस्व की हानि भी पहुंचा रहें हैं 
यमुना के गहरे कुंड मचाते हैं तबाही
नियमों को धता बताकर यमुना नदी से खनन करने वाले माफियाओं के कारनामे किसानों के लिए तबाही का सबब बनते हैं, क्योंकि माफिया यमुना नदी की बहती जलधारा के अंदर से पोर्कलेन मशीन के माध्यम से खनन कर गहरे कुंड बना देते हैं और जब-तब पानी आता है, तो यमुना नदी में भूमि कटाव के कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचता है। पूर्व में यह दंश किसान झेल चुके हैं। इसके अलावा यमुना नदी में हादसे की आशंका भी रहती है और बरसात के दिनों में क्षेत्र में बाढ़ की आशंका भी तटवर्ती बाशिंदों को सताने लगती है।
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चर्चाओं में रहा मामौर प्वाइंट, मिलती रहीं खामियां
मामौर खनन प्वाइंट अक्सर चर्चाओं में रहा है। एनजीटी की गाइडलाइन के विरुद्ध यमुना नदी पर अस्थाई पुल बांधने, जलधारा से छेड़छाड़ करने का मामला हो या फिर रात में खनन करने का, यहां माफियाओं की करतूतें अधिकारियों की कार्यशैली को भी कटघरे में खड़ी करती नजर आई है। हालांकि, अधिकारियों की जांच में पूर्व में खनन प्वाइंट पर भारी अनियमितताएं भी उजागर हुई थी, जिसके बाद पट्टाधारक पर जुर्माने की कार्रवाई सुनिश्चित की गई थी। बीते दिनों एसडीएम शिवप्रकाश यादव की छापेमारी में भी खनन प्वाइंट पर कांटे में गड़बड़ी पाई गई थी।
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अवैध रेत खनन की निगरानी के लिए बनाई गई टास्क फोर्स द्वारा नहीं की जा रहीं निगरानी
जिले में अवैध रेत खनन से जुड़े मामलों की शिकायतों के चलते डीएम जसजीत कौर ने टास्क फोर्स का गठन किया हुआ हैं। मकसद तो यही है कि माफियाओं की धींगामुश्ती पर अंकुश और नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जा सकें। बावजूद इसके टास्क फोर्स द्वारा निगरानी नहीं की जा रही। खनन विभाग और स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। जबकि टास्क फोर्स की कार्रवाई भी दिखाई नहीं दे रही है। ऐसे में रातों में चल रहे खनन के खेल पर कैसे शिकंजा कसा जाएगा।
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डीएम ने लिया संज्ञान, बनाई टीम
डीएम जसजीत कौर का कहना है कि वीडियो पर संज्ञान लिया गया है। वीडियो में खनन करते दिख रहा है। मशीन भी नजर आ रहीं हैं। इसे लेकर एसडीएम, खनन अधिकारी व सीओ की संयुक्त टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच उपरांत जुर्माना और एफआईआर की कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएंगी।