मासूम की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग की लीपा पोती

बिना किसी कार्रवाई के खानापूर्ति कर वापस लौटे एडिशनल सीएमओ

मासूम की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग की लीपा पोती

मासूम की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग की लीपा पोती

- बिना किसी कार्रवाई के खानापूर्ति कर वापस लौटे एडिशनल सीएमओ

- परिजनों ने लगाया था बच्चे को गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप

थानाभवन- अस्पताल में इंजेक्शन लगवाने के बाद मासूम की मौत के मामले में एडिशनल सीएमओ अस्पताल पर जांच करने पहुंचे लेकिन बिना किसी कार्रवाई के वापस लौट गए। एडिशनल सीएमओ ने खाना पूर्ति करते हुए बताया कि किसी की तरफ से तहरीर नहीं मिली है। इसलिए कार्रवाई नहीं की गईं।

इलाज के नाम पर कई लोगों की मौत हो जाने पर भी स्वास्थ्य विभाग फर्जीवाड़े से चल रहे अस्पतालों पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रहा है। इसकी वजह कोई और नहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा लापरवाही एवं नियम विरुद्ध फर्जीवाड़ा से अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन करना भी माना जा रहा है। थानाभवन कस्बे में सिटी गार्डन के पास स्थित एक अस्पताल में कस्बे के लगभग 1 वर्षीय नवजात शिशु को कस्बा निवासी परिजन बीमारी के चलते इंजेक्शन लगवाने के लिए गए थे। बच्चों के मामा ने आरोप लगाते हुए बताया कि उनकी बहन घर पर आई हुई थी। उसका 1 वर्ष का बेटा बीमार चल रहा था। जिसे शामली के निजी अस्पताल में दिखाया गया था। चिकित्सकों ने इंजेक्शन लगवाने के लिए दिए थे। दो इंजेक्शन दिए गए थे जिनको मिलाकर लगाना बताया गया था। उन्होंने अस्पताल में मौजूद चिकित्सक को जानकारी देते हुए कहा था कि दोनों इंजेक्शन मिलाकर लगाने के लिए बताया।आरोप है कि चिकित्सक ने इंजेक्शन के बारे में पहले नेट पर वीडियो देखी उसके बाद केवल एक इंजेक्शन ही बच्चे को लगा दिया। इसके कुछ देर बाद में ही बच्चे की तबीयत बिगड़ना शुरू हो गई। बच्चों को इलाज के लिए दूसरी जगह ले जाया गया तो बच्चे ने दम तोड़ दिया। नवजात के मामा ने अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मामला समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हुआ तो खानापूर्ति के लिए एडिशनल सीएमओ अश्वनी कुमार अस्पताल में मामले की जांच करने पहुंचे एडिशनल सीएमओ ने मौके पर सब कुछ सही पाया। जब मीडिया कर्मियों ने मामले में कार्रवाई की बात पूछी तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में सब कुछ सही है, लेकिन परिजनों द्वारा कोई तहरीर नहीं दी गई है। इसलिए कार्रवाई नहीं की गई। एडिशनल सीएमओ द्वारा खाना पूर्ति कर वापस लौटने की क्षेत्र में चर्चा बनी है।

लोगों की मौत का आखिर कौन है जिम्मेदार

केवल कस्बे में ही सैकड़ो से ज्यादा अस्पताल एवं क्लिनिक चल रहे हैं। जिनमें कई बार गलत इलाज के कारण लोगों की जान गई है। इक्का-दुक्का मामलों को छोड़कर स्वास्थ्य विभाग ने आज तक किसी भी मामले में बड़ी कार्रवाई नहीं की। जानकारी के अनुसार जिस अस्पताल में फिलहाल नवजात बच्चे की मौत हुई है। कुछ दिन पहले स्वास्थ्य विभाग ने फर्जीवाड़े के कारण अस्पताल को सील कर दिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही अस्पताल की सील खोल दी गई और अस्पताल धड़ल्ले से चल रहा है। अब दोबारा से अस्पताल में नवजात बच्चे की मौत हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे लोगों पर कार्रवाई न करने के कारण लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है।