मंडी शुल्क चोरी में सरकार प्रतिदिन लाखों के राजस्व का नुकसान

मंडी में नहीं है रात्रि के समय रजिस्ट्रेशन की कोई व्यवस्था

मंडी शुल्क चोरी में सरकार प्रतिदिन लाखों के राजस्व का नुकसान

मंडी शुल्क चोरी में सरकार प्रतिदिन लाखों के राजस्व का नुकसान

- मंडी में नहीं है रात्रि के समय रजिस्ट्रेशन की कोई व्यवस्था

- मंडी में गेट की भी नहीं बनाई गई है व्यवस्था

- मंडी अधिकारियों एवं आढ़तियों की मिली भगत से सरकार को लग रहा है चूना

थानाभवन- आए दिन मंडी में होने वाले कारोबार पर मंडी अधिकारियों की लापरवाही एवं मिली भगत से सरकार को लाखों रुपए का चूना लग रहा है। राजस्व कर वसूलने की सही व्यवस्था न होने के कारण एक तरफ सरकार को घाटा पहुंच रहा है तो दूसरी तरफ आए दिन होने वाले कारोबार का भी सही अनुमान लगाना लगभग नामुमकिन काम है।

थानाभवन नवीन सब्जी मंडी में आसपास के क्षेत्र के किसान एवं व्यापारी फल सब्जी एवं अन्य खाद वस्तुओं को खरीदने एवं बेचने के लिए रोजाना आते हैं, लेकिन मंडी में होने वाले कारोबार पर मंडी शुल्क की गड़बड़ व्यवस्था के कारण मंडी शुल्क चोरी हो रही है। इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब मंडी में ही काम करने वाले राजकुमार आढ़ती का करीब 250 किलो लहसुन चोरी हो गया। चोरी की तहरीर देने पर मंडी सचिव प्रवीण कुमार ने बताया कि लहसुन उनके रजिस्टर में दर्ज नहीं है। इस कारण मंडी में लहसुन आया ही नहीं, लेकिन पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्राधिकार के निर्देशन में पहले मामले की जांच कर कार्यवाही के आदेश दिए। जांच करने पहुंचे क्षेत्राधिकारी कैराना अमरदीप मौर्य ने जब जांच करना शुरू किया तो जानकारी सामने आई की रात्रि के समय जो भी किसान एवं व्यापारी मंडी में अपना सामान लेकर आते हैं उनकी एंट्री नहीं की जाती ना ही मंडी में गेट की कोई व्यवस्था है। सुबह के समय मंडी के कर्मचारी अपनी मर्जी से आढ़तियों के पास पहुंचकर सामान की एंट्री करते हैं हालांकि उस समय तक अगर मंडी में आया समान बेच दिया जाता है या रात्रि में ही बेचकर वापस लोड कर दिया जाता है तो उस समान का कोई हिसाब मंडी अधिकारियों के पास नहीं रहता। इससे जहां मंडी शुल्क की चोरी हो रही है वहीं दूसरी ओर अगर किसी सामान की चोरी हो जाती है तो मंडी अधिकारी सामान का मंडी में ना आना दर्शाकर अपना पल्ला झाड़ देते हैं। अधिकारी के जांच के बाद आढ़ती के लहसुन चोरी का मुकदमा तो दर्ज हो गया, लेकिन आए दिन होने वाले कारोबार पर लगने वाले मंडी शुल्क से सरकार को लग रहे लाखों रुपए के राजस्व की हानि को पूरा करने के लिए अभी तक मंडी सचिव ने कोई कदम नहीं उठाया। इस मामले में मंडी सचिव प्रवीण कुमार का कहना है कि रात्रि में आने वाले समान की एंट्री उनके यहां नहीं हो पाती गेट की व्यवस्था भी नहीं है उनके यहां कर्मचारियों की कमी है सुबह ही सामान की एंट्री हो पाती है।