मनपसंद ठेकेदारों के साथ मिलकर चल रहा है फर्जीवाड़ा

लोकायुक्त में चल रहा है लाखों के भ्रष्टाचार का मामला

मनपसंद ठेकेदारों के साथ मिलकर चल रहा है फर्जीवाड़ा

सरकारे बदली फिर भी नहीं बदले भ्रष्टाचारी,डेड दशक से एक जगह तैनाती

- लोकायुक्त में चल रहा है लाखों के भ्रष्टाचार का मामला

- अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप

- मनपसंद ठेकेदारों के साथ मिलकर चल रहा है फर्जीवाड़ा

थानाभवन- भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति का दम भरने वाली सरकार में भी पिछले तीन सालों से भ्रष्टाचार की शिकायत जिला प्रशासन से लेकर लोकायुक्त तक चल रही है, लेकिन शिकायतों के बावजूद भी पिछले डेढ़ दशक से एक ही ब्लॉक में तैनात भ्रष्टाचार में लिप्त अवर अभियंता का तबादला तक नहीं हुआ, फर्जीवाड़ा करने वाले पर कोई कार्रवाई न होने से शिकायतकर्ताओं ने पद एवं राजनीतिक रसूक का इस्तेमाल करते हुए जांच को प्रभावित करने का आरोप लगाया है।

साल 2020 में थानाभवन क्षेत्र के गांव हरड फतेहपुर में पूर्व माध्यमिक विद्यालय में घटिया सामग्री एवं भ्रष्टाचार होने की शिकायत गांव निवासी देवेंद्र पुंडीर पुत्र किरणपाल सिंह ने जिलाधिकारी एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से की थी, लेकिन जांच में कागजी खानापूर्ति के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद साल 2021 में जिलाधिकारी से दूसरी शिकायत की गई। शिकायत में आरोप है कि विद्यालय में करीब 26लाख रुपए की लागत से विद्यालय का जीर्णोद्धार एवं विद्यालय की बाउंड्री वॉल बनाई जानी है। जिसमें आरोप है कि नींव में पीली ईंटें एवं करीब 86 पिलर एस्टीमेट में होने के बावजूद भी मौके पर मात्र 15 से 20 पिलर ही बनाए गए हैं एवं पुरानी व घटिया सामग्री विद्यालय के निर्माण में इस्तेमाल की जा रही है। जैसे तैसे शिकायत पर जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया एवं करीब चार लाख रुपए का बाकी बचे भुगतान पर रोक लगा दी। मिली भगत करके उक्त धनराशि भी निर्माण करने वाला ठेकेदार शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन के मालिक सुरेश कुमार ने निकाल ली। कोई प्रभावी कार्रवाई न होने के कारण पीड़ित ने कार्रवाई की आस छोड़ दी। इसके बाद थानाभवन निवासी सुशील कुमार पुत्र पालेराम ने फर्जीवाड़ा के चलते एवं गरीब छात्रों के भविष्य को देखते हुए साल 2021 में शिकायत लोकायुक्त में की। जिन बिंदुओं पर लोकायुक्त ने जांच आख्या मांगी उन बिंदुओं पर पीडब्ल्यूडी विभाग ने उस स्तर की जांच में असमर्थता दिखाते हुए जांच को किसी आईआईटी इंजीनियर द्वारा करने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया। अब मामला लोकायुक्त में चल रहा है,लेकिन पूरे मामले में निर्माण कार्य का खाका खींचने वाले अवर अभियंता अमित कुमार राठी थानाभवन ब्लॉक में पिछले करीब डेढ़ दशक से तैनात है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि पिछले 15 साल से भी अधिक समय से अमित राठी जनपद के एक ही ब्लॉक में तैनात हैं और इन्होंने अपने मनपसंद ठेकेदारों को रखकर अकूत संपत्ति कमाई है ओर भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं और स्थानीय ठेकेदारों के साथ साझेदारी कर लाखों रुपए की पोकलेन मशीन तक बना रखी है। अगर उनकी संपत्ति की जांच हो तो सारे मामले का खुलासा हो जाएगा। वही शिकायतकर्ताओं का कहना है कि भ्रष्टाचार की जांच तो तब होगी जब भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारी का यहां से तबादला हो जाए। क्योंकि वह अपने रसूख व पद का दुरुपयोग करते हुए पिछले काफी समय से जांच को प्रभावित कर रहे हैं।

सरकारे बदली नहीं बदले आरोपी भ्रष्ट कर्मचारी

साल 2017 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश में बदली जिन्होंने भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का दावा किया, लेकिन पूर्व की सरकारी भी चली गई और दूसरा कार्यकाल भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में कर रही है, लेकिन थानाभवन ब्लॉक में तैनात अवर अभियंता अमित कुमार राठी का तबादला कोई सरकार नहीं कर सकी। जानकारी के अनुसार एक दो बार तबादला हुआ तो पैसों के बलबूते तबादला रुकवा लिया गया और भ्रष्टाचार लगातार जारी है। लोगों का कहना है कि यही नहीं ब्लॉक में ही दूसरे अवर अभियंता प्रमोद कुमार डिंगल भी करीब डेढ़ दशक से भी ज्यादा समय से डटे हुए हैं एक अधिकारी जब इतने समय से एक ही जगह पर रहेगा तो भ्रष्टाचार में कैसे लिप्त नहीं होगा। लोगों का कहना है कि इन लोगों की अकूत संपत्ति की जांच हो और आय से अधिक संपत्ति के मामले में कार्रवाई की जाए। वहीं शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन के मालिक सुरेश कुमार ने भी कम समय में ही काफी संपत्ति बना ली है। जिसकी जांच कराई जाए की एक छोटी सी ठेकेदारी करने वाला ठेकेदार आखिर इतने कम समय में कैसे करोड़ अरबो रुपए की संपत्ति का मालिक बन गया।

जर्जर हालत में है स्कूल

करीब 26 लाख रुपए सरकार द्वारा स्कूल के जीर्णोद्धार एवं बाउंड्री वाल के लिए खर्च कर दिए गए, लेकिन हालत ऐसी है की बरसात में अभी भी स्कूल की छत टपकती है और दीवारों में अभी भी दरारें हैं बाउंड्री वॉल भी कई जगह से अभी अधूरी पड़ी है। लाखों रुपए खर्च करके भी स्कूल की हालत खराब स्थिति में है।