क्षेत्राधिकारी पर झूठा एससी एसटी मुकदमा दर्ज करने का आरोप

इंटरनेट मीडिया में भी क्षेत्राधिकारी के खिलाफ आरोप लगाते हुए न्याय की लगाई गुहार

क्षेत्राधिकारी पर झूठा एससी एसटी मुकदमा दर्ज करने का आरोप

क्षेत्राधिकारी पर झूठा एससी एसटी मुकदमा दर्ज करने का आरोप

शिकायतकर्ता पर ही कर दिया मुकदमा दर्ज

समाजसेवी ने राजस्व विभाग से की थी सरकारी जमीन पर कब्जा करने की शिकायत

पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक से भी लगाई न्याय के गुहार

इंटरनेट मीडिया में भी क्षेत्राधिकारी के खिलाफ आरोप लगाते हुए न्याय की लगाई गुहार

थानाभवन- समाजसेवी द्वारा सरकारी सड़क पर दबंगों द्वारा अवैध निर्माण करने की शिकायत के बाद उल्टा शिकायतकर्ता एवं परिवार के सात लोगों पर पर ही एससी एसटी का मुकदमा दर्ज कर दिया। पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक एवं मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। पीड़ित द्वारा सोशल मीडिया में भी क्षेत्राधिकारी पर झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया गया है। मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

जनपद शामली के थानाभवन क्षेत्र के गांव दखोड़ी जमालपुर निवासी मोनू राणा उर्फ सुशील ने आरोप लगाते हुए बताया कि गांव के ही करीब आधा दर्जन लोग सुखदेव निर्माण अमरजीत प्रमोद मांगा आदि लोग गांव के बाईपास पर सड़क को उखाड़ कर उसमें अपना अवैध निर्माण कर बाउंड्री बना रहे थे। गांव का रास्ता भविष्य में संकरा होने एवं अतिक्रमण के चलते समाज हित में मुख्यमंत्री पोर्टल पर अवैध निर्माण की शिकायत की गई थी। इसके बाद राजस्व विभाग ने अवैध निर्माण को रुकवा दिया, लेकिन कुछ दिनों बाद फिर अतिक्रमणकारियो ने निर्माण कार्य शुरू किया तो शिकायत एसडीएम शामली को की गई। इसके बाद निर्माण कार्य को लेखपाल की टीम ने मौके पर पहुंचकर बुलडोजर से ध्वस्त करवा दिया। जबकि संबंध में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते हुए बताया कि इस संबंध में थानाभवन क्षेत्राधिकारी की गाड़ी एवं उनके ऑफिस के लोग मौके पर पहुंचे थे उन्होंने खुद निर्माण कार्य को शुरू करवाया। जब उसने क्षेत्राधिकारी की गाड़ी एवं गाड़ी में मौजूद पुलिस कर्मचारियों की वीडियो बनाई तो उसे समय वह नाराज हो गए उन्होंने फोन पर क्षेत्राधिकारी से वार्ता करते हुए उसकी शिकायत की। मुझे क्षेत्राधिकारी के ऑफिस में भी कई बार बुलाया गया और जबरन धमकाया गया कि वहां पर निर्माण कार्य मत रुकवाओ नहीं तो तुम्हारे खिलाफ एससी एसटी का मुकदमा दर्ज कर दिया जाएगा। इसी द्वेष भावना के चलते क्षेत्राधिकारी द्वारा मेरे एवं मेरे परिवार के सात लोगों के खिलाफ एससी एसटी का गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करवा दिया। जो एकदम झूठा है जबकि मैं केवल और केवल गांव हित और समाज हित में अतिक्रमणकारियों की शिकायत कर रहा था और जिसे राजस्व विभाग ने भी अवैध माना था। हैरत की बात तो यह है कि मुकदमे में ऐसे बुजुर्ग का नाम भी लिखवाया गया है जो पिछले काफी वर्षों से बीमारी के चलते चल भी नही पाते। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उनके पास इससे संबंधित सभी साक्ष्य मौजूद हैं। उसके परिवार का और उसका जबरन उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से भी इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। यह मामला अब चर्चा का विषय बना है हुआ है। समाजसेवी मोनू ने बताया कि इस संबंध में क्षेत्राधिकारी के खिलाफ एक शिकायती पत्र मुख्यमंत्री को भी भेज चुके हैं और वह लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री से भी इस संबंध में वार्ता कर अवगत कराएंगे कि उनके परिवार को एक अधिकारी के इशारे पर झूठा मुकदमे में फसाया गया है।