चित्रकूट-सरकारी स्कूलों में जातिगत भेदभावों पर गम्भीरता से होनी चाहिए कार्यवाही।
चित्रकूट: सावित्री बाई फुले की जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय नारीवादी मंच की बैठक में सरकारी स्कूलों में अनुसूचित जाति के छात्रों के साथ भेदभाव पर चिंता जताई गई। साथ ही सात सूत्रीय मांग पत्र के जरिए समस्या निराकरण की मांग की गयी।
बैठक में अखिल भारतीय नारीवादी मंच के औपचारिक उद्घाटन के बाद चित्रकूट कलेक्टिव की संस्थापक वरिष्ठ पत्रकार मीरा जाटव ने कहा कि इस मंच के माध्यम से सावित्री बाई फुले, फातिमा शेख, फुलो मुर्मू, झानो मुर्मू जैसे अग्रणी नारीवादियों की विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही उन सभी नारीवादी प्रणेताओं और संघर्षों से भी प्रेरणा ली जाएगी, जिन्होंने पित्र सत्ता को खत्म करने और सार्थक, सामाजिक, राजनीतिक परिवर्तन लाने के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी।
उन्होंने कहा कि चित्रकूट के सरकारी स्कूलों में खुले आम चल रहे जातिगत भेदभाव के मामलों को गम्भीरता से संज्ञान में लेकर कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में सोनेपुर व तरांव के सरकारी स्कूल में अनुसूचित जाति के छात्रों को बेरहमी से पीटा गया। इसकी शिकायत करने के बावजूद विभाग ने कुछ नहीं किया। इन दोनों मामलों में हुई जांच रिपोर्ट का सार्वजनिक किया जाना चाहिए। साथ ही स्कूलों में अनुसूचित जाति के छात्रों से सफाई, कटाई और मध्यान भोजन बनवाने का काम बंद किया जाना चाहिए। सफाई को सबकी जिम्मेदारी मानने की स्थिति में सभी छात्रों को इस अभियान में भाग लेना चाहिए। इसी प्रकार जातिवादी भाषा और अपशब्दों का प्रयोग करने वाले शिक्षकों को निलम्बित किया जाना चाहिए।
इस मौके पर वनांगना संस्था, पहल ट्रस्ट, उम्मीद फाउंडेशन, आगाम फाउंडेशन, प्रगति माध्यम समिति आदि क्षेत्रीय संस्थाएं मौजूद रहीं।