श्रीराम कथा: प्रेम में बसा भगवान का साक्षात्कार।

श्रीराम कथा: प्रेम में बसा भगवान का साक्षात्कार।

चित्रकूट ब्यूरो:

"भगवान कण-कण में हैं, और भक्त का भाव ही उन्हें प्रकट करता है," यह शब्द थे श्रीराम कथा वाचिका माधवी के, जिन्होंने श्रीराम कथा के तीसरे दिन भक्तों को गहरी spiritual अनुभूति का अनुभव कराया। वृंदावन गार्डन में चल रही श्रीराम कथा के इस खास दिन में माधवी जी ने भगवान श्रीराम के जन्म के पांच अद्भुत कारणों का विस्तार से वर्णन किया।

उन्होंने बताया कि श्रीराम के जन्म के पीछे पांच प्रमुख कारण हैं: जय और विजय का श्राप, सति वृन्दा का श्राप, मनु सतरूपा का तप, नारद का श्राप, और राजा प्रताभानु का श्राप। इन कारणों के माध्यम से भगवान ने धरती पर आकर मानवता को मार्गदर्शन दिया।

कथा में एक प्रेरणादायक घटना भी सुनाई गई, जिसमें एक न्यायाधीश का जीवन बदल गया। उस न्यायाधीश के दरबार में एक गरीब के खिलाफ झूठा आरोप लगाया गया था, लेकिन भगवान ने स्वयं उनकी अदालत में आकर उस गरीब की गवाही दी। जब न्यायाधीश को यह एहसास हुआ कि भगवान उनके दरबार में गवाही देने आए थे, तो उन्होंने संत बनने का निर्णय लिया। माधवी जी ने बताया कि भगवान प्रेम के कारण अपने भक्तों के लिए गवाही देते हैं, और यही प्रेम भगवान के अवतार का कारण है।

कथा के दौरान भक्तगण श्रीराम जन्मोत्सव के भजनों में मंत्रमुग्ध हो गए। माधवी जी ने कहा, "भगवान का साक्षात्कार प्रेम से ही संभव है। यदि आप प्रभु से प्रेम करेंगे, तो वह आपके दिल में बस जाएंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि भगवान ने माता कौशिल्या की गोद में खेलकर और माता शबरी के बेर खाकर प्रेम का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया।

इस अविस्मरणीय अवसर पर भक्तों ने श्रीराम के प्रति अपने श्रद्धा और प्रेम का अनुभव किया, और सभी ने इस दिव्य कथा से प्रेरणा ली।