संस्कृत शिक्षकों की समस्याओं पर उठी आवाज, मानदेय में वृद्धि की मांग।

संस्कृत शिक्षकों की समस्याओं पर उठी आवाज, मानदेय में वृद्धि की मांग।

चित्रकूट ब्यूरो:

उत्तर प्रदेश के मानदेय संस्कृत शिक्षकों ने अपनी लंबे समय से चली आ रही समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होकर प्रदेश स्तरीय संस्कृत शिक्षक सम्मेलन आयोजित किया। यह सम्मेलन श्री जयदेव वैष्णव संस्कृत महाविद्यालय, कर्वी चित्रकूट में आयोजित किया गया, जिसका उद्घाटन स्वस्तिवाचन और माता सरस्वती की प्रतिमा में दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

सम्मेलन में शिक्षकों ने सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया कि वे अपनी समस्याओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुँचाएंगे। शिक्षकों ने बताया कि वे कठिन चयन प्रक्रिया के बाद अल्प मानदेय में काम कर रहे हैं, जबकि अन्य समकक्ष विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन अधिक है। ऐसे में, अत्यधिक कम वेतन के कारण उन्हें अपनी जिंदगी में बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

सैकड़ों मानदेय शिक्षक, जो दूर-दूर से विद्यालय जाते हैं, ने बताया कि इतने कम वेतन में जीवन निर्वाह करना अत्यंत कठिन है। सम्मेलन में यह भी प्रस्तावित किया गया कि प्रदेश स्तर पर समकक्ष विद्यालयों के वेतनमान से मेल खाता मानदेय और विनियमितीकरण के लिए आंदोलन शुरू किया जाए।

हालाँकि, शिक्षकों ने प्रदेश सरकार द्वारा संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति और छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। लेकिन अब, शिक्षकों ने वेतन वृद्धि और विनियमितीकरण की आवश्यकता को लेकर अपनी आवाज उठाई, ताकि उनके कठिन कार्यों का उचित मूल्य मिल सके और सैकड़ों परिवारों की स्थिति में सुधार हो सके।

इस मौके पर प्रदेशभर से आए मानदेय संस्कृत शिक्षक उपस्थित रहे और वे अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार से सकारात्मक कदम उठाने की उम्मीद जताई।