खनन माफिया रात के अंधेरे मे कर रहे है धरती का सीना छलनी

खनन माफिया रात के अंधेरे मे कर रहे है धरती का सीना छलनी


  -सूर्यास्त होते ही सक्रिय हो जाते हैं खनन माफिया
 फलावदा:शासन के आदेश निर्देश भले ही कुछ भी हो लेकिन सरकार की नीति को पलीता लगाने के लिए खुद सरकारी नुमाइंदे ही काफी है।आदेशों के पालन के बजाय सरकारी तंत्र उदासीन होकर नियम कायदों को ठेंगा दिखा रहे है। खनन माफिया रात के अंधेरे में धरती का सीना चीर कर अवैध खनन कर रहे हैं।पुलिस व  खनन विभाग बेखबर बन रहा है। माफियाओ की दबंगई के आगे शासन के आदेश बेमानी साबित हो रहे है।


    सरकार ने अवैध खनन पर पाबंदी लगा रखी है।इसके बावजूद फलावदा में खनन पर पाबन्दी लागू नहीं हो पा रही है। समीपवर्ती गांव गुडंब में निरंतर खनन का कार्य चल रहा है।सरकारी नुमाइंदों व माफियाओ के गठजोड के चलते खनन माफिया बेखौफ होकर धरती का सीना चाक कर अवैध खनन का धंधा सुचारु रुप से चला रहे हैं।मामला खनन विभाग के अधीन बताकर पुलिस भी इस अवैध धंधे को लेकर अपनी आंखें मूंदे हुए हैं। आलम यह है कि सूर्यास्त होती सक्रिय होने वाले खनन माफिया जेसीबी ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर सक्रिय हो जाते हैं। रात के अंधेरे में आधा दर्जन से अधिक डपर,ट्रैक्टर ट्रॉलीया खनन करके मिट्टी सप्लाई कर रही हैं।यह सिलसिला सूर्योदय तक जारी रहता है।पुलिस चौकी के सामने से मिट्टी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली रात भर फर्राटा भरती है लेकिन सेटिंग के चलते पुलिस उन्हें पकड़ने की जहमत नहीं उठाती।बताया जा रहा है कि थाने में एक रात खनन का शुल्क 10 हजार रूपए वसूला जा रहा है।पुलिस कर्मी ने मासिक सुविधा शुल्क के एवज खनन का ठेका छोड़ रखा है।वहीं जिम्मेदार लोगों का कहना है कि नगर के प्रमुख मार्ग छतिग्रस्त होने लगे हैं। स्थानीय नगर पंचायत द्वारा सडको पर प्रतिदिन सफाई कार्य कराई जाती है।सड़क पर दौड़ने वाली मिट्टी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली सफाई कर्मियों की मेहनत पर पल भर में पानी फेर देती है। अवैध खनन की मिट्टी गिरने के कारण सफाई प्रभावित हो रही है।ट्रॉली से गिरने वाली मिट्टी सड़कों का स्वरूप बदल रही है।दूसरी ओर अवैध खनन के कारण धूल मिटटी उडने से लोग अस्थमा जैसे रोगो की चपेट मे आने लगे है। नगर के तनजैब चौधरी, महेश, सतीश, रामकुमार, राजन आदि लोगों का कहना है कि पुलिसकर्मी खुद खनन करा रही है,शिकायत करे तो किससे करें।