और अब लगातार भूमि का कटान कर रही है यमुना नदी की तीव्र धारा, चिंतित हैं किसान
संवाददाता मो जावेद
छपरौली | क्षेत्र में लगभग दर्जनों गांव में यमुना नदी के जलस्तर कम होने के बावजूद तेजधार के कारण भूमि कटान का दंश झेल रहे हैं। इसको देखते हुए ग्रामीणों की रातों की नींद भी हराम हो गई है तथा इस बात का डर सता रहा है कि, हमारी भूमि अगर यमुना नदी में समा गई ,तो पता नहीं 20- 30 साल बाद तक भी उनकी भूमि मिलेगी भी, या नहीं।
टांडा कुर्ड़ी छपरौली बदरखा ककोर शबगा जागोस आदि गांवों के किसान अपनी जमीन में सब्जी गन्ना ज्वार मक्का आदि की फसल बो कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे थे, लेकिन पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश से इन किसानों की सभी फसलें बर्बाद हो गई और कुछ किसानों की जमीन भी यमुना नदी में समा गई | गांव वालों ने बताया कि दिन-प्रतिदिन यमुना नदी का बहाव गांव की तरफ भी बढ़ रहा है ,अगर ऐसा ही चलता रहा, तो गांव में कुछ नहीं बचेगा ,सब कुछ तहस-नहस. हो जाएगा।
गांव वालों ने बताया कि, हमने बैंक के द्वारा कृषि भूमि पर जो कर्ज लिया था, वह भी जमा करने के आसार कहीं नजर नहीं आ रहे ,ऊपर वाले की हम लोगों पर बुरी मार पड़ गई है | अब प्रशासन से एक उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जिन किसानों की भूमि यमुना नदी के कटान में चली गई व फसल बर्बाद हो गई ,उनको कुछ तो राहत मिलनी चाहिए | किसानों ने आरोप लगाया कि, आज तक कोई भी प्रशासन का अधिकारी किसी से भी मिलने या सर्वे के लिए नहीं आया।