आय के संसाधन जुटाने ,विकास में जन सहभागिता और आत्मनिर्भर ग्राम पंचायतों के लिए कर्नाटक प्रशिक्षण उपयोगी : आशीष शर्मा

कर्नाटक में प्रशिक्षण ले रहे हैं, यूपी ग्राम पंचायत विभाग के अधिकारी तथा 21 ग्राम प्रधान

आय के संसाधन जुटाने ,विकास में जन सहभागिता और आत्मनिर्भर ग्राम पंचायतों के लिए कर्नाटक प्रशिक्षण उपयोगी : आशीष शर्मा

 

संवाददाता नीतीश कौशिक

बागपत।प्रदेश सरकार द्वारा सप्त दिवसीय प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है कर्नाटक।एक डिप्टी डायरेक्टर दो डीपीआरओ दो सचिव तथा 21 ग्राम प्रधानों को ग्रामों में बेहतर प्रबंधन और विकास की मूलभूत जरूरतें पूरी करने सहित वहां की ग्राम पंचायतों का भी मौका मुआयना कराया जा रहा है। 

उत्तर प्रदेश से प्रशिक्षण लेने वाले ग्राम प्रधानों में जिले के खेडकी ग्राम प्रधान आशीष शर्मा का चयन किया गया है। मेरठ मंडल के बुलंदशहर जिले से भी एक प्रधान यह प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह प्रशिक्षण 14 अक्तूबर तक दिया जा रहा है। पहले दिन प्रशिक्षण मे क्या कर्नाटक के डिप्टी डायरेक्टर ट्रेनिंग मनोज कुमार , डॉ शशि कुमार, शिवप्रसाद ,डॉ गणेश प्रसाद फैकल्टी रिसर्च एंड प्लैनिंग आदि अधिकारियों ने 7 दिवस प्रशिक्षण की विस्तृत रूपरेखा बताई तथा प्रशिक्षुओं को अपने पंचायती राज विभाग से कर्नाटक में गांव में हो रहे विकास के बारे में अवगत कराने की बात कही।

इस दौरान बताया गया कि ,कर्नाटक में गांव के व्यक्तियों द्वारा चयनित सदस्य ही ग्राम प्रधान का चुनाव करते हैं गांव के द्वारा चयनित सदस्यों में से किसी एक प्रधान को केवल 30 महीने तक चुना जाता है तथा 30 महीने बाद चुने गए सदस्य फिर से अपना प्रधान चुने गए सदस्यों में से ही चुनते हैं।

डीजे फैकेल्टी डा शशि कुमार ने प्रशिक्षुओं को बताया कि ,कर्नाटक में कुल 5956 ग्राम पंचायतें एवं 94,000  पंचायत सदस्य, जिला पंचायत 35000 से 45000 के बीच हैं। ब्लॉक पंचायत 12,500 से 15000 के बीच हैं। ग्राम पंचायत के एक सदस्य को करीब 400 वोटर चयनित करते हैं।फैकेल्टी बीएम शिवप्रसाद ने बताया कि,कर्नाटक में पंचायती राज विभाग के सभी गांवों में सभी परिवार टैक्स भरते हैं ,जिससे गांव का राजस्व काफी इकठ्ठा हो जाता है और उससे गांव में  विकास होता है।

कर्नाटक राज्य के डिप्टी डायरेक्टर मनोज कुमार ने बताया कि, 2015 से कर्नाटक में 50% आरक्षण लागू कर दिया है।2015 से पहले पंचायत आरक्षण 21% था। एक तिहाई सदस्य अन्य पिछड़ा वर्ग से होते हैं।डॉ शिव प्रसाद ने 1993 के पंचायती राज एक्ट के विषय में अवगत कराया। 1950 से लेकर अब तक पंचायती विभाग में कर्नाटक में क्या-क्या बदलाव है ,इस विषय में जानकारी दी। 

प्रशिक्षुओं को पंचायती राज संस्थान का निरीक्षण किया, सेटकॉम स्टूडियो बना हुआ है। स्टूडियो के हेड जमरूद खान ने बताया कि, कर्नाटक सरकार ने यह सेटकॉम 4 करोड रुपए की लागत से बनाया है, जो इसरो से जुड़ा हुआ है ,जहां से डायरेक्ट इसरो से भी बात कर सकते हैं। सेटकॉम स्टूडियो के जरिए ही कर्नाटक सरकार के मंत्री, अधिकारीगण, कर्मचारी जनता से सीधे जुड़ जाते हैं। आम जनता भी सेट कम स्टूडियो के जरिए सीधे मंत्री एवं अधिकारियों से अपने-अपने जिलों से अपनी समस्या की जानकारी देते हैं, जिसका तुरंत ही मौके पर हल कर दिया जाता है।

इस दौरान मैसूर से कुछ दूरी पर ग्राम पंचायत सिजलीपुरा के पंचायत घर का भी विजिट कराया गया  जहां ग्राम प्रधान महादेश ने बताया कि, उनके गांव की इन्कम 5 करोड रुपए है, ग्राम पंचायत में 40 मेंबर्स हैं।ग्राम पंचायत में सीएसआर से भी गांव में कई करोड़ रुपए लगा हुआ है प्रशिक्षुओं को ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत सदस्य काफी एक्टिव नजर आए। इस ग्राम पंचायत से पांच गांव जुड़े हुए हैं ,जिनकी जनसंख्या 18 हजार है, ग्राम पंचायत में 40 वर्कर हैं, 19 वर्करों की सैलरी सरकार देती है बाकी 21 वर्करों की सैलरी ग्राम पंचायत से ही भुगतान किया जाता है ।ग्राम प्रधान ने अपने गांव में बने आरसीसी सेंटर का भी निरीक्षण कराया और उससे होने वाली आमदनी की जानकारी दी।

खेडकी ग्राम प्रधान आशीष शर्मा ने बताया कि, प्रशिक्षण के पहले दिन जहां बहुत कुछ सीखने और समझने को मिला, वहीं मैसूर में टीपू सुल्तान का किला भी यूपी के प्रशिक्षुओं को दिखाया गया।