जिलाधिकारी ने अभियोजन कार्य, अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था के संबंध में की मासिक समीक्षा बैठक
••झूठे मुकदमे लिखाकर बाद में आपसी समझौता फैसला करने वालों पर हो कड़ी कार्यवाही
••5 केसों के वादी के खिलाफ धारा 22 पोक्सो एक्ट के अंतर्गत वादी के खिलाफ ₹50,000 का जुर्माना एवं सजा का प्रावधान
संवाददाता नीतीश कौशिक
बागपत। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह एवं एसपी अर्पित विजयवर्गीय की अध्यक्षता में अभियोजन कार्य, अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था की मासिक समीक्षा बैठक संपन्न हुई, जिसमें विभिन्न मामलों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने अपराध नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने विशेष रूप से निर्देश दिये कि ऐसे मामलों में जहां किसी व्यक्ति को झूठे मुकदमों में फसाया जा रहा है और फिर बाद में मुकदमे में फैसला करना या अपने बयानों से मुकरने पर ऐसे वादी मुकदमे के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में भी झूठे मुकदमे ना लिखा सकें जिससे कि झूठे मुकदमे लिखाने व न्यायालय में फैसला करने वाले लोगों को बढ़ावा न मिले।
वादी मुकदमों के द्वारा न्यायालय में अपनी बात से मुकरने व फैसला करने पर अभियोजन की तरफ से न्यायालय में याचन व पैरवी करते हुए न्यायालय ने 5 केसों के वादी के खिलाफ धारा 22 पोक्सो एक्ट के अंतर्गत प्रकीर्ण वाद दर्ज किए गए हैं, जिसमें वादी को 22 पोक्सो एक्ट में अधिकतम ₹ 50000 का जुर्माना व सजा का प्रावधान है । जिसके क्रम में जनपद बागपत के अपर जिला सत्र एवं न्यायालय स्पेशल कोर्ट बागपत में पांच मामले दर्ज किए गए हैं ।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त व राजस्व पंकज वर्मा, संयुक्त निदेशक अभियोजन शिवप्रसाद, दिनेश शर्मा राजीव तोमर रविकांत शर्मा आदि उपस्थित रहे।