आजभी परंपरा जिंदा है मुस्लिम समाज के लोगों ने किया होली खेलने वालों का स्वागत।
बहसूमा परविंद्र कुमार जैन। होली के अवसर पर तिलहेंडी पर कुछ परंपरा अब भी चल रही है गंगा जमुनी तहजीब और आपसी सौहार्द को कायम रखते हुए आज भी कुछ गांव परंपरागत हिंदू मुस्लिम मिलकर आपसी सौहार्द के साथ होली मनाते हैं। लोगों का कहना है कि उनके पूर्वज भी इस तरह की होली खेलते थे। जो आज भी गांव में यह परंपरा जिंदा है। नगर में नागरिकों द्वारा ढोल नगाड़े बजाकर माता पर पूजा अर्चना कर होली के गीत गाकर चल रहे थे वही मुस्लिम समाज के लोगों ने होली खेल रहे सभी लोगों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। वहीं दूसरी ओर गांव मोहम्मदपुर सकिस्त में भी ढोल नगाड़े बजाकर होली खेली। होली खेलने के समय चेयरमैन विनोद चहल, सतबीर अहलावत, जयवीर अहलावत, रणधीर सिंह, मास्टर ललीत, सतीश आदि ढोल नगाड़े बजाकर चल रहे थे। जब पूजा अर्चना करने के बाद वापस श्रद्धालु जा रहे थे तो मुस्लिम समाज से असलम सैफी, साजिद सलमानी, सभासद मोबीन सलमानी, नन्हे सैफी, सभासद बिंदर चाहल, प्रधान दिले सिंह आदि ने फूल मालाएं डालकर स्वागत किया और फल भी वितरित किए।