भाकियू तोमर के सामने नशमस्तक हुआ प्रशासन अग्रिम आदेश तक चुनाव निरस्त।

भाकियू तोमर के सामने नशमस्तक हुआ प्रशासन अग्रिम आदेश तक चुनाव निरस्त।


  परविंद्र कुमार जैन। 18 मार्च को होने वाले डायरेक्टरी के चुनाव के लिए हुए निरस्त हुए पर्चे को लेकर भाकियू तोमर के पदाधिकारियों का मौडखुर्द सहकारी समिति पर पिछले 36 घंटे से धरना प्रदर्शन चल रहा था। जिसमें धरना प्रदर्शन में पहुंचे एसडीएम अखिलेश यादव एवं सीओ मवाना आशीष शर्मा के बीच भाकियू तोमर के पदाधिकारियों के बीच  वार्तालाप हुई। लेकिन उसमें कोई निर्णय नहीं निकला। जिसमें यूनियन के पदाधिकारीयों ने कहा था कि जब तक निरस्त हुए पर्चे को बहाल नहीं किया गया तो धरना प्रदर्शन समाप्त नहीं होगा।एसडीएम ने यूनियन के पदाधिकारियों से कहा था कि सदरपुर में डायरेक्टर के चुनाव को रोक दिया जाएगा। बाकी गांव के चुनाव कराए जाएं। जिस पर यूनियन के पदाधिकारियों ने उनकी एक न सुनी थी और उन्होंने कहा था कि जब तक निरस्त हुए पर्चे बहाल नहीं किया जाये तो धरना प्रदर्शन समाप्त नहीं होगा। एसडीएम मवाना ने जिले के अधिकारियों से वार्ताताब करने के बाद निर्णय लेने को कहा था। जिसमें निर्वाचन अधिकारी ने  साधन सहकारी मोड़खुर्द का चुनाव  अधिकारियों के आदेश तक रोक दिया गया। बताते चलें कि साधन सहकारी समिति मोड़खुर्द के सभापति के लिए चुनाव होने हैं। जिसमें 18 मार्च को डायरेक्टर के पद पर चुनाव होने थे। जिसमें रिटर्निंग ऑफिसर को 4 पर्चे वापस हो गए थे। लेकिन 1 पर्चा रिटर्निंग ऑफिसर ने भाजपा के नेताओं के दबाव में आकर निरस्त कर दिया था। जिस पर भाकियू तोमर के जिलाध्यक्ष सन्नी चौधरी एवं अखिलेश चौधरी मंडल अध्यक्ष आनंदपाल सिंह, प्रधान इंतजार देशवाल, महिला मोर्चा की अध्यक्ष काजल शर्मा आदि ने कहा कि समिति के अधिकारियों पर भाजपा नेताओं  के दबाव के चलते पर्चा निरस्त किया गया है। जबकि ये नियम के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का हनन हो रहा है। भाजपा सरकार में जो भाजपा के नेता कह रहे हैं वही हो रहा है। गुरुवार से चले धरने को लेकर एसडीएम मवाना अखिलेश यादव एवं सीओ मवाना आशीष शर्मा पुलिस फोर्स को साथ लेकर यूनियन के पदाधिकारियों से वार्ता करने के लिए पहुंचे थे। जिस पर उन्होंने कहा था कि गांव सदरपुर के चुनाव को रोक दिया जाएगा। बाकी गांव के चुनाव करा दिया जाये। जिस पर भाकियू तोमर के पदाधिकारियों ने कहा था कि जब तक निरस्त हुए पर्चे को बहाल नहीं किया गया तो धरना समाप्त नहीं होगा। उसके बाद एसडीएम मवाना ने कहा था कि जिले के अधिकारियों से वार्ता करने के बाद ही कुछ कहा जाएगा। उसके बाद वह बैरंग लौट गए थे। उसके बाद देर रात थाना प्रभारी पुलिस फोर्स के साथ धरना स्थल पर पहुंचे और भारतीय किसान यूनियन तोमर के पदाधिकारी से वार्ता कर बताया कि चुनाव को निरस्त कर दिया गया है। जिसमें निर्वाचन अधिकारी प्रदीप कुमार के हस्ताक्षर पर चुनाव को रोकने का नोटिस चस्पा कर दिया। जिसके बाद भाकियू तोमर के पदाधिकारीयों ने धरना समाप्त कर दिया। चुनाव रोके जाने पर भारतीय किसान यूनियन तोमर के पदाधिकारियों में हर्ष व्याप्त हो गया है।