जनता वैदिक कॉलिज, हमारे लिए हस्तिनापुर की तरह,न बरबाद होने देंगे और न सरकार को देंगे : पंचायत में नई प्रबंध समिति का विरोध मुखर
ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक
बडौत | नगर के जनता वैदिक कालेज में नई प्रबंध समिति के कार्यभार ग्रहण करने को लेकर लगातार विरोध जारी है तथा आरोप लगाए जा रहे हैं कि, बिना चुनाव के तथ्यों को छिपाते हुए, अवैधानिक रूप से विश्वविद्यालय कुलपति द्वारा नई प्रबन्ध समिति काबिज कराई गई है | जनपद के गांवों में प्रत्येक दिन विरोध प्रदर्शन व पंचायतों का दौर चल रहा है।
जेवी कालेज की नई प्रबन्ध समिति के विरोध में पंचायतों के दौर में स्वर भी मुखर होने लगे हैं | इसी बीच गत दिवस नेहरू युवा महोत्सव कार्यक्रम में जनता वैदिक कॉलिज में पहुंचे क्षेत्रीय सांसद डॉ सत्यपाल सिंह ने महाविद्यालय को 15 दिन के अन्दर राज्य विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा कराने के लिए बोल दिया था,इस पर भी संस्था के आजीवन सदस्यों ने अपनी नाराजगी शुरू कर दी है।
सोमवार को लोयन मलकपुर गांव में एक पंचायत का आयोजन किया गया। पंचायत की अध्यक्षता चौ0 ब्रजपाल सिंह ने की तथा संचालन पूर्व प्रधानाचार्य रमेश सिंह के द्वारा किया गया। पंचायत को सम्बोधित करते हुए मा रमेश सिंह ने कहा कि ,जनता वैदिक कॉलिज, बडौत में नियमों के विपरीत, तथ्यों को छिपाकर अधिकारियो को गुमराह करते हुए अवैधानिक रूप से नई प्रबन्ध समिति काबिज हो गयी है, ऐसी फर्जी कार्यवाही को संस्था के आजीवन सदस्य बर्दाश्त नहींं करेंगे क्षेत्रीय सांसद डॉ सत्यपाल सिंह के 15 दिन में विश्वविद्यालय बनवाने की घोषणा वाले बयान पर पूर्व प्रधानाचार्य नवाब सिंह ने कहा कि ,महाविद्यालय को प्रदेश सरकार के हाथो में नहीं सौंपा जायेगा, क्योंकि यह एक सामाजिक संस्था है और इससे हमारेे पूर्वजों की स्मृतियां जुड़ी हुई हैं, इसके अलावा हमारे व क्षेत्र के पास कुछ नहीं है। जमीने बंटती जा रही हैं और हमारा कोई बड़ा नेता भी नहींं रहा है। यह संस्था तो अपने आप में ही एक विश्वविद्यालय है। चाहे तो बीजेपी दिगम्बर जैन कॉलिज को विश्वविद्यालय बना सकती है। हमारा समाज तो इसे अपना हस्तिनापुर समझता है। संस्था के सभी आजीवन सदस्य राज्य विश्वविद्यालय के पक्षधर नहीं हैं।
पंचायत में आरोप लगाते हुए कहा गया कि,राज्य विश्वविद्यालय से क्षेत्र की जनता व छात्रों को कोई लाभ पहुंचने वाला नहीं है, इस संस्था के नाम अरबो-खरबो रुपये की सम्पत्ति है, जिसे सरकार हडपना चाहती है। इसी कारण चुनी हुई प्रबन्ध समिति को हटाकर नई प्रबन्ध समिति काबिज करा दी गयी है | नई प्रबन्ध समिति में एक-दो लोगो को छोड़कर सभी बाहरी लोग पदाधिकारी बनाये गये हैं, जो संस्था के आजीवन सदस्य भी नहीं हैं।
पंचायत में सभी ने कहा कि, हम किसी भी रूप में संस्था सरकार को नहीं सौंप सकते हैं। यह संस्था पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हर गांव व छः प्रदेशो से जुडी हुई है। सांसद द्वारा किये गये बयान को हम किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करेंगे।
पंचायत में ओमबीर सिंह बाबूजी, रामचन्द्र सिंह पूर्व प्रधानाचार्य, राजबीर सिंह, भोपाल सिंह, चन्द्रपाल ठेकेदार, सुखपाल पूर्व प्रधानाचार्य, विरेन्द्र सिंह पूर्व प्रधानाचार्य, मा ब्रह्मपाल सिंह, ओमपाल सूबेदार, सहेन्द्र सरपंच आदि दर्जनों लोग उपस्थित रहे।