प्रशासन की उदासीनता उजागर, तेड़ा गांव के रास्तों पर आवारा पशुओं का कब्जा
शिकायतों के बावजूद नहींं हुई कोई सुनवाई, फिर एकबार आवाज उठाई
संवाददाता नीतीश कौशिक
बागपत। प्रदेश सरकार के सख्त आदेश के बावजूद गांव व कस्बों में आवारा पशुओं का आतंक अभी भी बरकरार है। जनपद के अधिकतर गांवों में आज भी सड़कों व रास्तों पर आवारा पशुओं का कब्जा बना रहता है, जिसकी वजह से लोगों व वाहनों का आवागमन बाधित हो रहा है। गाँव जागोस में तो पिछले दिनों खेत से लौट रहे एक किसान को आवारा पशुओं ने इतनी जोरदार टक्कर मारी कि, अस्पताल ले जाते हुए उसकी मौत हो गई थी |
बिनौली ब्लॉक के तेड़ा गांव की बात करें , तो इस गाँव में आज भी मेन रास्तों, गलियों व घरों के चबूतरों पर आवारा पशुओं का हर समय कब्जा बना रहता है। ग्रामीण यदि उनको हटाने का प्रयास करते हैं ,तो वे उन पर हमला करने पर उतारू रहते हैं। गांव में कुछ लोग तो इन पशुओं के हमलों से चोटिल भी हो चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि, वे आवारा पशुओं को पकड़ने की मांग को लेकर अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन आज तक किसी अधिकारी ने कोई पहल नहीं की, नतीजा सामने है।
आवारा पशुओं की वजह से जहां किसानों की फसल चौपट हो रही हैं, वहीं राहगीरों को आने जाने में बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है। भरत सिंह एडवोकेट, छोटे लाल भगत, श्रीनिवास मा देवेंद्र सिंह,अशोक कुमार, धर्मपाल सिंह, संजय कुमार ,विश्वबन्धु शास्त्री आदि ग्रामीणों ने गांव को आवारा पशुओं से मुक्त कराने की फिर एकबार मांग की है।