सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के निर्णय के खिलाफ रालोद प्रवक्ता विश्वास चौधरी ने शुरू किया सांकेतिक उपवास
सरकार नहींं मानी तो,धरना प्रदर्शन और चक्का जाम को भी तैयार
संवाददाता आशीष चंद्रमौली
बड़ौत | जैन धर्म के पवित्र तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाए जाने की घोषणा से जहाँ जैन समाज भाजपा और उसकी सरकारों के प्रति आक्रोशित है वहीं दूसरे दलों के नेताओं ने इस मुद्दे पर जैन समाज का समर्थन और आंदोलन में सहयोगी बनने की शुरुआत भी कर दी है |
रालोद के वरिष्ठ नेता व प्रदेश प्रवक्ता विश्वास चौधरी ने जैन समाज के पवित्र स्थल सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने का विरोध करते हुए कहा कि, जिस पवित्र क्षेत्र में 24 में से 20 तीर्थंकर मोक्ष की साधना के लिए यहां आए, जहां अनेक जैन मुनियों ने तपस्थली और साधना स्थली के रूप में सम्मेद शिखर को चुना, ऐसे पवित्र शिखरजी क्षेत्र को पर्यटन स्थल बनाए जाने की घोषणा बेवकूफी भरा कदम है |
कहा कि, जिस पवित्र क्षेत्र को पर्यटन स्थल बनाए जाने को लेकर पूरे देश के लोग सडकों पर हैं, ऐसे में उनका समर्थन और सहयोग करना हमारा नैतिक दायित्व है, इसके लिए एक दिवसीय सांकेतिक उपवास रखकर विरोध जताने के निर्णय के साथ ही सर्दी के बावजूद खुले में बैठकर जन जन से समर्थन का आह्वान किया, जिससे सरकार अविलंब अपनी गलती का सुधार करे, जैन श्रद्धालुओं से माफी मांगे और सम्मेद शिखर को तीर्थ क्षेत्र के रूप में ही रहने दे |
रालोद नेता विश्वास चौधरी ने कहा कि, सरकार जैन समाज की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है ,अगर लगातार खिलवाड़ करती रही और अपनी मनमानी करती रही ,तो धरना प्रदर्शन आंदोलन और चक्का जाम भी किया जाएगा |