हाईकोर्ट की एकल पीठ के निर्णय के बाद जनपद के प्रभारी प्रधानाध्यापकों में पद के अनुसार वेतन की उम्मीद जगी
ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक
बागपत। जनपद में बेसिक स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के सेवा निवृत्त होते रहने के बावजूद वर्षों से पदोन्नति न करने तथा कार्यवाहक प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी देकर उन्हें हैड मास्टर का वेतन न देने की विभागीय धींगामुश्ती पर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने दिए गए पदभार के अनुसार अगले दो माह में वेतन दिए जाने का निर्देश दिया है। उक्त आदेश का जनपद के सैकड़ों प्रभारी प्रधानाध्यापकों ने स्वागत किया तथा विभागीय अधिकारियों से आवश्यक कार्यवाही कर पद के अनुसार वेतन दिए जाने की उम्मीद जगी है।
जनपद बागपत में वर्तमान में 333 प्राथमिक,63 उच्च प्राथमिक व 135 कम्पोजिट विद्यालय इस प्रकार से कुल 531 परिषदीय विद्यालय हैं।पिछले कई वर्षों से पदोन्नति न होने के कारण अनेक सहायक अध्यापक इनमें प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य कर रहे हैं।प्रधानाध्यापकों के पदों पर पदोन्नति के लिए अनेक बार धरना प्रदर्शन भी हो चुके हैं तथा विभिन्न मंचों से मांग भी बराबर उठाई जाती रही ।
शिक्षकों का कहना है कि, एक ओर जहां विभाग पदोन्नति नही दे रहा और दूसरी ओर सहायक अध्यापक से प्रधानाध्यापक का काम लगातार लिया जा रहा है , ऐसे में उसी के अनुरूप वेतन भी मिलना चाहिए। इसी मांग को लेकर जनपद बागपत के प्रभारी प्रधानध्यापको द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश श्री प्रकाश पाडिया जे द्वारा याचिका की सुनवाई करते हुए बीएसए बागपत को सभी याची166 प्रभारी प्रधानाध्यापकों को प्रधानाध्यापक पद के अनुरूप बकाया सहित वेतन का भुगतान 2 माह में करने का निर्देश दिया है।
याचीगण विकास मलिक व हरेन्द्र कुमार ने बताया कि, जनपद बागपत में अनेक सहायक अध्यापक वर्ष 2010 से वर्तमान तक अपने-अपने तैनाती वाले विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं,जबकि उन्हें वेतन सहायक अध्यापक का ही दिया जा रहा है। इस पर जनपद बागपत के 166 प्रभारी प्रधानध्यापको ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर प्रधानाध्यापक पद के अनुरूप वेतन व बकाया भुगतान की गुहार लगाई थी ।माननीय उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में उक्त निर्णय दिया है, जिससे प्रभारी प्रधानाध्यापकों में खुशी की लहर दौड़ गई है।