अवैध रेत खनन पर किसान यूनियन की चेतावनी

बिडोली व शीतल गढ़ी में किया जाता है अवैध रेत खनन

अवैध रेत खनन पर किसान यूनियन की चेतावनी

अवैध रेत खनन पर किसान यूनियन की चेतावनी

बिडोली व शीतल गढ़ी में किया जाता है अवैध रेत खनन

एनजीटी के नियमों को तांक पर रख रात में किया जाता है खनन

शामली- जनपद के बिडोली एवं शीतल गढ़ी में अवैध खनन माफिया रात दिन यमुना का सीना चीरकर बड़ी-बड़ी पोकलेन मशीनों के जरिए खनन कर रहे हैं। जिससे पर्यावरण किसानों की जमीन और फसलों को नुकसान हो रहा है। प्रशासन की लापरवाही के चलते खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। किसानों की समस्याओं को लेकर किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने खनन माफिया के खिलाफ आंदोलन के चेतावनी दी है।

शामली जनपद में वैध रेत के पट्टो की आड़ में अवैध रूप से खनन करने का मामला किसानों और पर्यावरण व राजस्व के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। खनन माफिया शामली के बिडोली एवं शीतल गढ़ी में नियमों को तांक पर रखकर रात्रि में भी बड़ी-बड़ी पोकलेन मशीनों के द्वारा बड़े स्तर पर रेत का खनन कर रहे हैं। यमुना में नियम विरुद्ध रेत के खनन से आसपास के किसानों के खेतों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। किसानों की फसलों को काफी नुकसान हो रहा है। किसानों ने कई बार इसकी शिकायत अधिकारियों से की है,लेकिन कोई कार्रवाई न होने से किसानों में रेत खनन माफियाओं के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है। ओवरलोड रेत के वाहनों से हादसों में भी कई लोगों की मौत हो चुकी है। इसको लेकर किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक ने सोशल साइट एक्स पोस्ट पर मुख्यमंत्री एनजीटी शामली पुलिस एवं अन्य अधिकारियों को बिडोली में चल रहे अवैध रेत खनन की शिकायत की है। किसान नेता सवित मलिक का कहना है कि अवैध रेत खनन के कारण क्षेत्र में किसानों को काफी नुकसान हो रहा है आसपास के किसानों की फासले बर्बाद हो रही हैं। वहीं नियम विरुद्ध खनन के कारण यमुना की ठोकर भी बरसात के समय में टूट सकती है जिससे क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बन रहा है। ओवरलोड बिना नम्बर प्लेट रेत से भरे डंपर के कारण सड़कों को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है। वही पेड़ पौधों जीव जंतु एवं प्राकृतिक नुकसान लगातार बढ़ रहा है, लेकिन जनपद में अधिकारियों की चुप्पी के कारण खनन माफियाओं के हौसले बुलंद है। किसान नेता ने चेतावनी दी है कि अगर अधिकारियों ने अवैध रेत खनन माफियाओं पर कार्रवाई नहीं की तो वह उनके खिलाफ जल्द ही बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।