सुशासन सप्ताह: अटल जी के आदर्शों पर आधारित कार्यक्रम का भव्य आयोजन।

सुशासन सप्ताह: अटल जी के आदर्शों पर आधारित कार्यक्रम का भव्य आयोजन।

चित्रकूट। भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के जन्मदिवस के अवसर पर आज, 25 दिसंबर 2024, कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित भव्य समारोह में सुशासन सप्ताह का समापन हुआ। इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी श्री शिवशरणप्पा जी एन, पुलिस अधीक्षक श्री अरुण कुमार सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री लव कुश चतुर्वेदी, और जिला कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष श्री पंकज अग्रवाल ने अटल जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण लखनऊ लोक भवन में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह का लाइव प्रसारण था, जिसमें रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने सुशासन के महत्व पर प्रकाश डाला।

प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया

सुशासन सप्ताह के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। निबंध प्रतियोगिता में श्रेया सिंह ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि अरिमर्दन सिंह और रिया सिंह क्रमशः द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे। भाषण प्रतियोगिता में रूपा देवी, मानसी मिश्रा, और सुशासनी शुक्ल ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं, एकल काव्य पाठ प्रतियोगिता में विनोद कुमार गुप्ता, खुशी, और रागिनी को सम्मानित किया गया।

विजयी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र के साथ प्रथम स्थान पर ₹10,000, द्वितीय स्थान पर ₹5,000 और तृतीय स्थान पर ₹2,500 की धनराशि डीबीटी के माध्यम से प्रदान की गई।

अधिकारी एवं छात्र-छात्राओं की उल्लेखनीय उपस्थिति

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व श्री उमेश चंद्र निगम, डीसी एनआरएलएम श्री ओम प्रकाश मिश्रा, जिला विद्यालय निरीक्षक श्री संतोष कुमार मिश्रा, वरिष्ठ कोषाधिकारी श्री रमेश सिंह, और मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र सहित जिले के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया।

जिलाधिकारी श्री शिवशरणप्पा जी एन ने अपने संबोधन में कहा, "श्री अटल बिहारी वाजपेई जी का जीवन सुशासन, पारदर्शिता और विकास के आदर्शों का प्रतीक है। इस सप्ताह का उद्देश्य उनकी नीतियों और विचारों को जन-जन तक पहुंचाना है।"

कार्यक्रम का समापन अटल जी के योगदानों को स्मरण करते हुए और उनके विचारों को आत्मसात करने के संकल्प के साथ हुआ।