जल जीवन मिशन: डीएम ने विकास कार्यों में तेजी लाने के दिए सख्त निर्देश।
चित्रकूट। जल जीवन मिशन के तहत जनपद में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति को लेकर गुरुवार को जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में डीएम ने परियोजनाओं में धीमी प्रगति और कार्यों की गुणवत्ता को लेकर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने सभी कार्यदायी संस्थाओं को चेतावनी देते हुए निर्देश दिया कि शासन की मंशा के अनुरूप काम को गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध तरीके से पूरा करें।
तीन बड़ी परियोजनाओं पर विशेष फोकस
बैठक के दौरान सिलौटा, चांदी बांगर और रैपुरा परियोजनाओं की विशेष समीक्षा की गई। डीएम ने कहा कि जनपद में चल रहे इन कार्यों में मैनपावर की कमी के कारण प्रगति बाधित हो रही है। उन्होंने निर्देश दिया कि कार्यस्थलों पर श्रमिकों की संख्या बढ़ाई जाए और समय सीमा के भीतर कार्य को पूरा किया जाए। डीएम ने सख्त लहजे में कहा कि पाइपलाइन बिछाने के दौरान की गई रोड कटिंग को तुरंत दुरुस्त करें ताकि जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
ग्राम प्रधानों की सक्रिय भागीदारी पर जोर
जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया कि ग्राम प्रधानों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जाएं और इन बैठकों में प्रधा
नों को सभी आवश्यक डेटा के साथ उपस्थित रहने को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जलापूर्ति की नियमितता सुनिश्चित करने के लिए वॉल ऑपरेटर और ओएसटी ऑपरेटर के नाम, मोबाइल नंबर और ग्राम पंचायत का रजिस्ट्रेशन किया जाए।
योजना की अहमियत पर बल
डीएम ने कहा कि जल जीवन मिशन भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की एक अत्यंत महत्वपूर्ण योजना है, जो जनपद में पानी की समस्या को स्थायी रूप से हल करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कार्यों की गुणवत्ता और प्रगति की नियमित निगरानी की जाए और शेष पाइपलाइन कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
समीक्षा बैठक में अधिशासी अभियंता जल निगम आशीष कुमार भारती, अधिशासी अभियंता (विद्युत/यांत्रिक) सुमित कुमार, टीपीआई अभय नारायण दीक्षित समेत संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
निष्कर्ष:
डीएम शिवशरणप्पा जीएन ने स्पष्ट किया कि जनहित से जुड़ी इस महत्वाकांक्षी योजना में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कार्य समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा नहीं हुआ, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।