फसलों को रोग और पाले से बचाने के लिए किसान करें दवाओं का छिड़काव: जिला उद्यान अधिकारी

उन्नाव, 30 दिसंबर 2024: (सू.वि)
जिला उद्यान अधिकारी सुरेंद्र राम भास्कर ने किसानों को मौसमी फसलों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि खेतों में मौजूद फसलों पर रोग और पाले का प्रकोप बढ़ सकता है, जिससे फसल और उत्पादकता पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे बचने के लिए समय पर उचित दवाओं का छिड़काव आवश्यक है।
उन्होंने जानकारी दी कि टमाटर, बैंगन, आलू और मिर्च की फसलों की निराई-गुड़ाई इस समय बेहद जरूरी है। झुलसा रोग से बचाव के लिए 2 ग्राम मैकोजेब प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। सब्जियों पर माहू कीट के प्रकोप को रोकने के लिए मोनोक्रोटोफास या डाईमिथोएट का 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
मटर की फसल में बुकनी रोग से बचने के लिए प्रति हेक्टेयर 25 किलोग्राम घुलनशील गंधक का छिड़काव फायदेमंद बताया गया है। वहीं, प्याज की फसल को पर्पल ब्लॉच रोग से बचाने के लिए 0.2 प्रतिशत जीनेब का घोल उपयोग करें। लहसुन की फसल के लिए सिंचाई, निराई और गुड़ाई का ध्यान रखना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसलों का नियमित निरीक्षण करें और किसी भी प्रकार के रोग या कीट प्रकोप के लक्षण दिखने पर तुरंत दवा का छिड़काव करें। उचित देखभाल न करने पर फसलों की उत्पादकता प्रभावित हो सकती है।
जिला उद्यान अधिकारी ने किसानों से अपील की है कि वे इन सुझावों का पालन करें और अपनी फसलों को स्वस्थ और उत्पादक बनाए रखें।