यमुना नदी की बाढ में बह गई फसलें और उम्मीदें, अब सरकार से मुआवजे की आस, देरी से हो रहे हैं निराश

यमुना नदी की बाढ में बह गई फसलें और उम्मीदें, अब सरकार से मुआवजे की आस, देरी से हो रहे हैं निराश

संवाददाता आशीष चंद्रमौली

बडौत।यमुना नदी की बाढ में बह गई गन्ने की फसल का मुआवजा दिए जाने की मांग किसानों ने फिर उठाई तथा कहा कि, अगर सरकार ने मुआवजा नहीं दिया ,तो बर्बादी के कगार पर पहुंचे किसान बड़ौत तहसील में धरना देने पर मजबूर होंगे । 

भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक संगठन के वरिष्ठ नेता संजय त्यागी ने कहा कि, यमुना नदी में किसानों की सब्जी व गन्ने की हजारों बीघा फसलें बह गई थी, मगर सरकार की तरफ़ से भरपाई करना तो दूर अभी तक इसके लिए मुआवजा भी तय नहीं किया गया। कहा कि,सरकार द्वारा जल्दी ही यह घोषणा की जाये कि, किसानों को मुआवजा किस तरह से मिलेगा, क्योंकि किसान आज भुखमरी के कगार पर आ गया है। कहा कि, किसानों का मलकपुर चीनी मिल पर हजारों करोड़ रुपए बाकी हैं दूसरी तरफ किसानों की फसलों के अलावा जमीनें भी नदी में समा गई, जिससे किसान बर्बाद हो गया है । भाकियू अराजनैतिक संगठन के वरिष्ठ नेता संजय त्यागी ने प्रदेश सरकार से किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग की । 

जागोस के किसान अनिल शर्मा मुखिया पूर्व प्रधान राजु त्यागी अनिल त्यागी जगदीश शर्मा लवकुश शर्मा सुरेश शर्मा मुरारी लाल गंगाचरण त्यागी सतपाल त्यागी नरेश शर्मा के अलावा काफी संख्या में किसानों की फसल यमुना नदी में बह गई थी, किसानों ने उक्त का मुआवजा दिए जाने की मांग प्रदेश सरकार से की।

छपरौली सहित यमुना खादर के टांडा बदरखा माढी शबगा जागोस कोताना खेड़ी प्रधान फैजपुर निनाना लुहारी खेड़ा इस्लामपुर राजपुर खामपुर सुल्तानपुर हटाना आदि गांव के किसानों की खड़ी फसल यमुना नदी में समा गई थी, वहां के किसानों में भी सरकार से मुआवजे और कब तक मिलने की संभावना, आदि सवालों का जवाब एक दूसरे से जानने की कोशिश जारी है, किंतु कोई भी उत्तर न मिलने पर बेचारे मन मसोस कर रह जाते हैं।