आत्म शांति के लिए करें परिग्रह का त्याग :राजेंद्र मुनि
संवाददाता आशीष चंद्रमौली
बडौत।राजर्षि श्री राजेंद्र मुनि ने कहा कि,आत्मा का बोध , आत्मा का कल्याण तथा आत्म शांति के लिए आरंभ और परिग्रह का त्याग नितांत आवश्यक है । वे जैन स्थानक में धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि ,जिस श्रावक श्राविका में आरंभ और परिग्रह के त्याग की योग्यता आ जाती है , वह प्रभु वाणी सुनने का पात्र बन जाता है, बोधी की प्राप्ति होती है ,धर्म में स्थिर हो जाता है । इस संबंध में उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि, एक धनिक ईसा मसीह के पास आया और उनसे प्रश्न किया कि ,मुझे स्वर्ग का साम्राज्य कैसे मिले । इस पर ईसा मसीह ने उत्तर दिया कि ,पहले तुम्हारे पास जितना रुपया पैसा है ,सोना चांदी है ,बहुमूल्य आभूषण हैं, उन सबको एकत्रित कर कपड़े में गठरी बांधकर समुद्र में डाल आओ ,फिर तुम्हें मन चाहे साम्राज्य की प्राप्ति होगी । सभा में भारी संख्या में श्रावक श्राविकाओं ने प्रवचन का लाभ लिया । नगर की श्री श्वेतांबर स्थानकवासी जैन सोसायटी द्वारा धर्मसभा का व्यवस्थित आयोजन किया गया।