जिलाधिकारी द्वारा गठित टीम द्वारा बाल श्रमिकों का चिन्हांकन कर बाल कल्याण समिति के समक्ष किया गया प्रस्तुत
सहारनपुर,
शासन के निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी अखिलेश सिंह द्वारा गठित टीम, जिसमें श्रम प्रवर्तन अधिकारी- महीप सिंह, के0पी0 सिंह, विरेन्द्र सिंह रावत, एस0एस0त्रिपाठी, प्रीति सोम, चाइल्ड लाईन, बाल कल्याण समिति एवं ह्यूमेन ट्रेफिकिंग के अधिकारियों द्वारा सहारनपुर नगर में मेला गुगाल, निकट काली मन्दिर, कारगिल गेट, मण्डी समिति रोड़ पर स्थित दुकानों पर कार्य कर रहे बाल श्रमिकों का चिन्हाकन किया गया। टीम द्वारा 11 प्रतिष्ठानों पर 14 वर्ष से कम आयु के 12 बाल श्रमिकों का चिन्हांकन किया गया। चिन्हांकन उपरान्त सभी बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
उप श्रम आयुक्त अनुपमा गौतम ने जानकारी देते हुए बताय कि दोषी सेवायोजकों के विरूद्ध बाल एवं किशोर श्रम (विनियमन एवं प्रतिषेध) अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत नियमानुसार निरीक्षण टिप्पणी निर्गत करते हुए अग्रिम कार्यवाही अपनायी जा रही है।
अवगत कराना है कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों से किसी भी प्रतिष्ठान/दुकान पर कार्य कराना दण्डनीय अपराध है। दोषी सेवायोजक के विरूद्ध मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अभियोजन दायर किया जाता है, जिसमें अधिकतम रूपया 50 हजार तक जुर्माना एवं 6 माह से 2 वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है। उक्त के अतिरिक्त 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से कार्य कराने पर प्रति बाल श्रमिक रूपया 20000/- की वसूली की कार्यवाही भी दोषी सेवायोजक से की जाती है।
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