हस्तिनापुर में स्थित जयंती माता शक्तिपीठ पर 13 अध्याय में संपन्न हुआ कालरात्रि मैय्या का हवन।
मवाना ब्यूरो इसरार अंसारी। हस्तिनापुर में स्थित प्राचीन पांडव टीले पर पांडवों की अधिष्ठात्री देवी जयंती माता मंदिर पर सप्तम नवरात्र के दिन मां कालरात्रि के हवन के 13 अध्याय विधि विधान से सम्पूर्ण किए गए। हस्तिनापुर पांडव टीले पर स्थित देवी महा भागवत पुराण में वर्णित देवी सती के 51 शक्तिपीठों में से एक जयंती माता का मंदिर स्थापित है। मंदिर पर वर्ष में लगभग 10 बार विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है, तथा चैत्र व शारदीय नवरात्रों की सप्तमी तिथि को मंदिर प्रांगण में भव्य व दिव्य हवन यज्ञ किया जाता है। इस बार हवन लगभग 10 बजे प्रारंभ हुआ तथा प्रातःकाल में लगभग 5 बजे संपन्न हुआ। विधि विधान से पूजन कराते हुए पंडित सौरभ शर्मा ने पूरे 13 अध्यायों का वर्णन किया मंदिर समिति के संस्थापक/अध्यक्ष सुदेश उर्फ पप्पू गुर्जर मुख्य यजमान के रूप में मोजूद रहे। मंदिर समिति के अध्यक्ष सुदेश उर्फ पप्पू गुर्जर ने बताया की वर्ष में दो बार शारदीय व चैत्र नवरारों में सप्तमी तिथि को मंदिर पर यज्ञ हवन का आयोजन किया जाता है। इस दौरान अध्यायों के पाठ के दौरान हवन की अग्नि में स्वयं जयंती मैय्या का रूप बन जाता है तथा माता अपने भक्तों को दर्शन देती हैं। नवरात्रों में आयोजित होने वाले हवन यज्ञ में शामिल होने वाले भक्तों को विशेष लाभ मिलता है तथा माता सभी की मनोकामना पूरी करती हैं। इस दौरान सुदेश उर्फ पप्पू गुर्जर,आचार्य मुकेश शांडिल्य,ज्योति शर्मा,हेमा गुप्ता,शिवम शर्मा,हेमा गुप्ता,रामकुमार परदेसी,नितिन परदेसी,राजीव चौहान,राजा रस्तौगी,राहुल ठाकुर,सनी अरोड़ा आदि भक्तगण बड़ी संख्या में मोजूद रहे।