चर्चा के साथ चर्या भी पवित्र करें : आचार्य विशुद्ध सागर

चर्चा के साथ चर्या भी पवित्र करें : आचार्य विशुद्ध सागर

••पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव 17 नवम्बर से तैयारियां शुरू : वरदान जैन

संवाददाता आशीष चंद्रमौली

बडौत। प्रदेश सरकार द्वारा राजकीय अतिथि के रूप में सर्वमान्य दिगम्बर जैनाचार्य श्री विशुद्धसागर ने जन मानस का आह्वान किया कि, चर्चाओं में पवित्रता के साथ ही चर्या अर्थात् आचरण में भी पवित्रता लाएं। नगर के ऋषभ सभागार में धर्मसभा में उन्होंने कहा कि ,गुरु सेवा एवं प्रभु भक्ति का जो आनन्द है, वह आनन्द दायक होता है। संयम की अनुभूति परमानन्द रूप है। 

उन्होंने कहा कि,जो पूजक है ,उसे यह विचार करना चाहिए कि, जो पूज्य हैं, वह पूज्य कैसे बने ? पूज्य की पूजा होती है। इसके उत्तर में उन्होंने बताया कि, जो गुणों से पूर्ण होता है, दोषों से शून्य होता है, वहीं यथार्थ में पूज्य होता है। जिनके विचार पवित्र हों, आचरण सम्यक् हो, वही पूज्य हो पाते हैं। विचारों की पवित्रता के साथ आचरण की निर्मलता भी होना चाहिए। चरित्र की पूर्णता में ही मुक्ति संभव है। ज्ञान की पूर्णता चरित्र को निर्मल करती है।

चर्या शिरोमणि संत विशुद्ध सागर ने कहा कि, जीवन में धन-धरती प्राप्त करना सरल है, परन्तु धर्म पूर्ण जीवन जीना महत्त्वपूर्ण है। मानव में मानवता न हो, मिठाई में मिठास न हो, साधु में साधुत्व न हो, माँ में ममत्व न हो, तो व्यर्थ है। अच्छा सोचो, अच्छे कार्य करो, मधुर बोलो, सद् व्यवहार करो।विवेकशील, विनयी गुण सम्पन्न, संतोषी श्रद्धावान्, क्रियाशील, आचरणवान,अनुशासनप्रिय, अहिंसक, शांतिप्रिय, मधुर-भाषी मानव ही श्रेष्ठ माना जाता है। मनुष्य का जीवन संस्कारों से ही श्रेष्ठ बनता है। परस्पर सहयोग से ही मानव जीवन प्रशंसनीय बनता है। श्रेष्ठ संस्कार ही सिद्धी प्रदान करते हैं। सभा मे मुनि श्री सुव्रत सागर जी महाराज ने भी मंगल प्रवचन दिये। 

      

मीडिया प्रभारी वरदान जैन ने बताया कि ,आचार्य श्री विशुद्ध सागर के सानिध्य मे 17 नवम्बर से 22 नवम्बर तक श्री चैत्यवृक्ष जिनालय जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव, दिगंबर जैन कॉलेज के सी फील्ड में धूमधाम से मनाया जायेगा ,जिसके सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य राजकुमार सपना जैन जैनसन इंडस्ट्रीज वालो को प्राप्त हुआ है। 

     

धर्मसभा में प्रवीण जैन, विनोद जैन, सुभाष जैन बीड़ी वाले,सुनील जैन, राकेश जैन,आलोक सर्राफ, सतीश सर्राफ, धनेंद्र जैन,अतुल जैन, अशोक जैन,आलोक मित्तल,राजेश जैन, मनोज जैन,पुनीत जैन,अरविंद जैन, सुदेश जैन आदि मौजूद रहे।