देश भर में सबसे कम वेतन प्राप्त डाक सेवकों ने किया हंगामा, शुरू किया अनिश्चितकालीन धरना
संवाददाता आशीष चंद्रमौली
बड़ौत।देश में सबसे कम वेतन पाने वाले डाक सेवकों को न समयबद्ध वेतन उन्नयन है, न पेंशन और न ही सम्मानजनक ग्रेच्युटी। जिम्मेदारी, काम और गांवों तक पहुँचकर सेवा देने के बावजूद निशुल्क चिकित्सा के लिए भी कोई सुविधा डाक सेवकों के लिए नहींं है। इन्हीं मुद्दों को लेकर वर्षों से संघर्ष कर रहे डाक सेवकों ने अब संघर्ष का बिगुल बजा दिया है।
अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ के तत्वाधान में डाक कर्मियों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी , साथ ही चेतावनी दी कि, जब तक मांग पूरी नहीं होगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। संघ के सहायक प्रांतीय सचिव बिजेन्द्र सिंह तोमर के नेतृत्व में मंगलवार को काफी संख्या में डाक सेवक प्रधान डाकघर बड़ौत पहुंचे और हंगामा कर धरने पर बैठ गए।
बता दें कि,डाक कर्मियों ने डाकघरों में ग्रामीण डाक सेवकों को एक अलग वर्गीकरण, 8 घंटे कार्य देकर सिविल सेवकों की स्थिति की पुष्टि करना, कमलेश चंद्र समिति द्वारा अनुशंसित 12, 24 और 36 वर्ष की सेवा पूरी करने पर तीन समयबद्ध वित्तीय उन्नयन प्रदान करना, ग्रेच्युटी पर अधिकतम राशि 1.5 लाख की सीमा को हटाकर कमलेश चंद्र समिति की अनुशंसा के अनुसार अधिकतम राशि 5 लाख बहाल करना तथा वर्तमान में सबसे कम वेतन पाने वाले जीडीएस कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा देने की मांग की है।
धरनारत डाक सेवकों ने बताया कि, पूर्व में हुई हड़ताल पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने समस्याओं का हल कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन इसके बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। ऐसे में निर्णय लिया गया कि ,जब तक मांग पूरी नहीं होगी, अनिश्चित कालीन धरना जारी रहेगा। इस अवसर पर मांगेराम, सुनील, राहुल, मुकुल, राजकुमार आदि शामिल रहे।
दूसरी ओर डाक सेवकों की हड़ताल के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में डाक व्यवस्था चरमरा गई है, जिसके चलते ग्रामीणों को जरूरी संदेश तक भी नहीँ मिल पा रहे हैं। कई संगठनों ने डाक सेवकों की समस्याओं के समाधान की मांग की है।