वृक्षारोपण के नाम पर लाखों रुपए खा गए भ्रष्टाचारी,एक भी पेड़ नहीं आ रहा है नजर

ग्रामप्रधान, सचिव एवं अवर अभियंता की मिलीभगत से हुआ कारनामा

वृक्षारोपण के नाम पर लाखों रुपए खा गए भ्रष्टाचारी,एक भी पेड़ नहीं आ रहा है नजर

वृक्षारोपण के नाम पर लाखों रुपए खा गए भ्रष्टाचारी,एक भी पेड़ नहीं आ रहा है नजर

- साल दर साल होता रहा वृक्षारोपण लाखों रुपए डकारें 

- ग्रामप्रधान, सचिव एवं अवर अभियंता की मिलीभगत से हुआ कारनामा

- सरकार की महत्वपूर्ण योजना को लगाया पलीता

थानाभवन- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी एवं महत्वपूर्ण वृक्षारोपण योजना के नाम पर ग्राम प्रधान एवं ग्राम सचिव व अवर अभियंता ने लाखों रुपए खर्च कर डाले, लेकिन जमीन पर एक भी पेड़ नजर नहीं आ रहा है। स्थानीय व्यक्ति ने मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी को पत्र भेज कर संबंधित फर्जीवाड़े की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

उत्तर प्रदेश में साल 2017 में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने एवं उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को लेकर बड़ा लक्ष्य रखा जिसमें पूरे प्रदेश भर में वृक्षारोपण अभियान चलाया गया, लेकिन मुख्यमंत्री के महत्वपूर्ण वृक्षारोपण अभियान के नाम पर शामली जनपद के थानाभवन ब्लॉक में स्थित गांव खानपुर में करीब साढे चार लाख रुपए वृक्षारोपण एवं उनके रखरखाव देखभाल पर खर्च किए गए। लेकिन मौके पर एक भी पेड़ नजर नहीं आ रहा है। स्थानीय मंजू पुत्र सोमपाल नाम के व्यक्ति ने मुख्यमंत्री एवं जिला अधिकारी को पत्र भेज कर वृक्षारोपण के नाम पर किए गए फर्जीवाड़े की जांच कर दोषियों पर करवाई की मांग की है। मंजू सिंह ने अपने पत्र में आरोप लगाते हुए बताया है कि खानपुर गांव में वृक्षारोपण के नाम पर साल 2021 एवं 22 में गांव में वृक्षारोपण किया गया एवं पेड़ पौधों की महीनों तक देखभाल भी की गई। जिसमें करीब साढ़े चार लाख रुपए खर्च हुए। लेकिन मौके पर एक भी पेड़ मौजूद नहीं है। इस संबंध में 16 मार्च 2023 को एक पत्र मनरेगा लोकपाल एवं जिला अधिकारी को भी भेजा गया था लेकिन आज तक फर्जीवाड़े की कोई जांच नहीं हुई। अब दोबारा से मामले में मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है। पत्र में आरोप लगाया गया है की ग्राम प्रधान ग्राम सचिव एवं अवर अभियंता ने फर्जीवाड़ा एवं मिली भगत कर वृक्षारोपण के नाम पर लाखों रुपए डकारें हैं जिसकी जांच होनी चाहिए।

मुख्य विकास अधिकारी विनय कुमार तिवारी ने इस संबंध में कहा है कि वृक्षारोपण के नाम पर अगर पैसे निकाल कर फर्जीवाड़ा किया गया है और देखभाल के बावजूद भी कोई पेड़ नहीं है तो इस संबंध में एवं गंभीरता से जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

साल 21-22 में वृक्षारोपण पर खर्च होने वाली धन राशि

साल 2021 में गांव में स्थित कब्रिस्तान में वृक्षारोपण कुल खर्च -26941रुपये

साल 2021 में लेह वाले तालाब पर वृक्षारोपण कुल खर्च-28134 रुपये

साल 2022 में लेह वाले तालाब पर वृक्षारोपण कुल खर्च-178058 रुपये

साल 2021 में गांव के श्मशान घाट में वृक्षारोपण कुल खर्च - 26941रुपये

साल 2022 में गांव के श्मशान घाट में वृक्षारोपण कुल खर्च- 184507 रुपये

साल 2021 में वाल्मीकि मंदिर में वृक्षारोपण कुल खर्च-25349 रुपये

खर्च होती रही धनराशि जमीन पर नहीं एक भी पेड़

हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि गांव में जिन जगहों पर साल 2021 में वृक्षारोपण किया गया एवं उनके रखरखाव पर धनराशि खर्च की गई फिर से साल 2022 में उसी जमीन पर वृक्षारोपण के नाम पर इससे भी अधिक धनराशि खर्च की गई और रखरखाव भी किया गया। करीब तीन माह तक पेड़ों का रखरखाव भी दिखाया गया। जिसके नाम पर 444581 रुपए का बजट बनाकर पैसे खर्च किए गए,लेकिन इतना रखरखाव के बावजूद भी जमीन पर आज भी एक भी पेड़ मौजूद है। जबकि उत्तर प्रदेश में साल 2017 से लगातार वृक्षारोपण के नाम पर हर साल बड़ी धनराशि खर्च की जाती है। अगर साल 2017 से अभी तक के वृक्षारोपण के नाम पर खर्च धनराशि की जांच हो तो गांव खानपुर में बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।