नाराज मातापिता को वृद्धाश्रम लेने गए बेटे के साथ की मारपीट, कई दिन तक संस्था ने उनके आधार कार्ड रखे जब्त
संवाददाता सीआर यादव
अमीनगर सराय। कस्बे के सिंघावली रोड़ पर स्थित एक वृद्धाश्रम में अपने नाराज माता पिता के लेने पहुंचे बेटे के साथ आश्रम के कर्मचारियों ने जमकर मारपीट की व दोनो के आधार कार्ड देने से मना कर दिया। मारपीट होती देख व शोर शराबा सुन भीड़ इकट्ठा हो गई और हंगामा हो गया। इसबीच हंगामे से बचने के लिए दोनो के आधार कार्ड वापस लौटाए गए। वहीं पीड़ित बेटे ने पुलिस को घटना की तहरीर दी और जबरन मां बाप को वृद्धाश्रम में रखने के आरोप लगाए।पुलिस जांच में जुटी है।
कस्बे के बिनोली चौराहे से सिंघावली रोड़ पर एक संस्था ने वृद्ध आश्रम चला रखा है। बीते सप्ताह शुक्रवार को फतहपुर गांव निवासी दंपत्ति की घर में बेटे से कुछ कहासुनी हो गई थी , जिससे पुष्पा देवी अपने पति राजसिंह के साथ कस्बा स्थित वृद्ध आश्रम में रहने चली आई। शनिवार को बुजुर्ग दंपत्ति का बेटा हर्षित उर्फ बीरू उन्हें लेने आश्रम पहुंच गया और अपने माता पिता को ले जाने लगा। जैसे ही उन्होंने अपने आधार कार्ड मांगे तो संस्था वालों ने निरीक्षण की बात कहकर दो दिनों के लिए टाल दिया। युवक बीरू दो दिन बाद फिर पहुंचा, लेकिन उन्होंने आधार कार्ड वापस नहीं किए और निरीक्षण की बात कही।
शुक्रवार की शाम करीब चार बजे युवक अपने वृद्ध माता पिता को ले जाने की जिद कर बैठा और कर्मचारियों से आधार कार्ड मांगे। कर्मचारियों ने वृद्ध दंपत्ति के सामने ही उनके बेटे के साथ जमकर मारपीट की ओर भुगत लेने की धमकी दी।मारपीट होते देख राहगीर वहां इकट्ठा हो गए व कारण पूछने लगे। कर्मचारियों ने हंगामा बढ़ते हुए देखा, तो दोनो के आधार कार्ड वापस कर दिए। मारपीट से पीड़ित मां पुष्पा और बेटे बीरू ने पुलिस को घटना की जानकारी दी।
इस दौरान मौके पर पहुंची पुलिस के लिए भी कर्मचारियों ने मेन गेट नही खोला, पीड़ित ने पुलिस को मारपीट सहित फर्जी रूप से वृद्धाश्रम चलाने की शिकायत की। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
बुजुर्ग महिला ने खोली वृद्ध आश्रम की पोल
कस्बे में संचालित किए जा रहे वृद्ध आश्रम की सच्चाई को बुजुर्ग महिला पुष्पा देवी ने बताया कि, यहां बुजुर्गो के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, दो दिनों तक शाल में रात गुजारी। उसके बाद 800 रुपए का बाजार से कंबल लेकर आई तब जाकर रात काटी। यहां कस्बे की कई महिलाओं को 200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से रखा जाता है दिन में महिलाएं आश्रम में रहती हैं, उसके बाद शाम को अपने घर चली जाती हैं। लंबे समय से फर्जी रूप से संस्था चलाई जा रही है।