अन्ना प्रथा को रोकने में जनसहभागिता जरूरी- जिलाधिकारी
उरई। जिलाधिकारी चाँदनी सिंह ने गौशालाओं के संचालन में जनसहभागिता के संबंध में विकास भवन के डीसीएनआरएलएम सभागार में बैठक आयोजित की गयी। उन्होने जनपद में घूम रहे अन्ना जानवरों की समस्या को देखते हुये गौसंरक्षण समिति का चयन किया गया। अन्ना गौवंशों को गौशालाओं में संरक्षित करने हेतु जनसहभागिता, जागरूकता बढ़ाने के लिये एक अन्ना प्रथा को बन्द करने के लिये जन आन्दोलन विभिन्न संगठनों व जन सहभागिता अतिआवश्यक हैं। उन्होने कहा कि इस गौसंरक्षण समिति में पूर्व में भी आपका पूर्ण आर्थिक रूप से भी सहयोग मिला हैं। इस आर्थिक सहायता से हमारा प्रयास है कि गौसंरक्षण समिति की टीम तैयार की जायेगी निरन्तर आवारा पशु जो शहर में पाये जाते है उनको कैटर कैचर के माध्यम से एक सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से पकड़कर सुरक्षित रूप से गौशालाओं में संरक्षित करेगे जहां पर उनकी सुचारू रूप से देखरेख की जायेगी। इसके साथ ही इस अभियान को शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक चलाया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में गौशालायें पर्याप्त रूप से बन चुकी हैं। गौसंरक्षण समिति से प्रशासन को सहायता की आवश्यकता हैं। उन्होने समस्त जनपद वासियों से अपील की है कि गौसंरक्षण समिति को आर्थिक रूप से कोई भी छोटी सी धनराशि बहुत ही मायने रखती है इस धनराशि की सहायता से प्रशासन एक ऐसी टीम तैयार करेगी जो स्थायी रूप से धीरे-धीरे कर अन्ना प्रथा को जनपद से समाप्त करने में सफल रहेगे। इस भुगतान प्रक्रिया को और सरल बनाने के लिये पेटीएम, गूगलपे आदि यूपीआई बारकोड तैयार कर लिया गया हैं। इस खाता में जो भी भुगतान डाला जायेगा उसका पूरी पारदर्शिता से उपयोग किया जायेगा। उन्होने समस्त जनपद वासियों से पुनः अपील की है कि अपने पशुओं को आवारा न छोड़े ताकि अन्ना प्रथा को समाप्त किया जा सके। इस अवसर पर जिलाधिकारी, मुख्य विकास विकास अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों ने साथ ही विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने पेटीएम, गूगलपे आदि यूपीआई बारकोड से धनराशि डाली गयी।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डा0 अभय कुमार श्रीवास्तव, जिला विकास अधिकारी सुभाष चन्द्र त्रिपाठी, जिला पूर्ति अधिकारी अनूप तिवारी, आदि अधिकारी सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।