नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी आरती श्रीवास्तवजी ने गरीबों में वितरण किए कंबल

नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी आरती श्रीवास्तवजी ने गरीबों में वितरण किए कंबल

ब्यूरो रमेश बाजपेई 

डलमऊ रायबरेली।  ठंड के दस्तक के बीच गरीब बेसहारा जरूरतमंदों के लिए यह कठिन समय होता है। वैसे ठंड तो एक प्रकृति का रूप है। जो कभी इस कदर कपा देती है घरों से निकलना तो दूर बिस्तर मेंछोड़ना तक मुनासिब नहीं होता कहे तो आर्थिक रूप से मजबूत लोगों के लिए ठंडी कुछ ज्यादा मायने नहीं रखती वह तरह-तरह के ऊनी कपड़े हीटर  का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवार है उनके लिए तो दो वक्त की रोटी ही बड़ी बात होती है। ओ वह कपड़े नहीं पहन सकते जो अमीर आदमी पहन सकता लेकिन कहते हैं ना कि ईश्वर इस धरती पर किसी न किसी को निमित्त बनाकर जरूरतमंदों का ख्याल रखते हैं। अधिशासी अधिकारी डलमऊ आरती श्रीवास्तव ने बुजुर्गों को कंबल बांटा तो ठंड से कांपते हाथों में कम्बल की गर्मी लगी तो बुजुर्ग के चेहरे की खुशी देखने लायक रही बुजुर्ग हाथ जोड़कर दुआ दे रहे थे और मन ही मन यही सोच रहे होंगे कि काश हर अधिकारी आरती श्रीवास्तव जैसा होता है। एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो आपके अंदर मन में आप अपनी हैसियत किसी की नजरों में इतनी बना सके कि आपकी मदद करने की फितरत को देखते हुए वह हमेशा आपकी सलामती की दिल से दुआ करने पर मजबूर हो जाए हम सब ने बचपन में न्यूटन की गति के नियम तो पढ़ाई होगा वह तीसरा नियम याद है आपको यही कि जितने बल से आप कोई क्रिया करते हैं इतने ही बल से आपको प्रतिक्रिया वापस मिलती है बस यही हर जगह आप महसूस कर सकते हैं इसी तरीके से अगर आप निस्वार्थ भाव से किसी के परेशानियों मदद करेंगे तो जब आप पर भी कोई परेशानी आएगी तो आपकी भी ऐसे ही कोई मदद करेगा वह कहते हैं ना मुसीबत कभी बोलकर नहीं आती और फिर जिसके पास जो होता है वही देता है या नहीं अगर आपके पास मदद करने की क्षमता होगी तो आप वही दूसरों को दे पाएंगे यानी मदद और फिर अगर आप चाहते हैं कि कोई आपकी मुसीबत के वक्त मदद करें तो आपको भी दूसरों की मदद करनी होगी