केंद्र सरकार के खिलाफ भाकियू का जोरदार प्रदर्शन, किसानों की समस्याओं पर उठाए गए सवाल।

केंद्र सरकार के खिलाफ भाकियू का जोरदार प्रदर्शन, किसानों की समस्याओं पर उठाए गए सवाल।

राजापुर, चित्रकूट: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने सोमवार को तहसील परिसर में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन भाकियू की तहसील इकाई राजापुर की मासिक बैठक के बाद किया गया, जिसमें किसानों ने पांच सूत्रीय ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा। इसके बाद किसानों ने केंद्र सरकार की नीतियों को किसान विरोधी बताते हुए तहसील परिसर में पत्रक जलाए।

बैठक में जिला महामंत्री अरुण कुमार पाण्डेय ने किसानों की कई समस्याओं को उठाया। उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशों के तहत प्रत्येक किसान को फार्मर रजिस्ट्री और गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए कहा गया है, लेकिन सरकारी वेबसाइटों में आने वाली तकनीकी दिक्कतों के कारण किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, आधार कार्ड में किसानों का टाइटल और खतौनी में केवल नाम होने के कारण फार्मर रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि से किसानों को वंचित करने की कोशिश की जा रही है।

किसानों ने मांग की कि तहसील परिसर में आधार कार्ड और खतौनी के संशोधन के लिए कैंप लगाया जाए। इसके अलावा, राम वन गमन पथ के लिए किसानों की भूमि अधिग्रहण का मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया है, जिससे किसानों में गहरा आक्रोश है।

शिवदयाल सिंह बघेल, उदय नारायण सिंह, विनय कुमार त्रिपाठी, अजीत सिंह, जसवंत सिंह, देवेंद्र सिंह जैसे अन्य नेताओं ने भी इस आंदोलन में भाग लिया और किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील की।

इस प्रदर्शन ने क्षेत्रीय किसानों के बीच अपनी समस्याओं को उजागर किया और उनकी आवाज को सरकार तक पहुंचाने का कार्य किया। किसान आंदोलन के इस चरण ने सरकार के लिए एक चेतावनी का संकेत दिया है कि जब तक उनके मुद्दों का समाधान नहीं होगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।