एक ही आंगन से उठे आठ शव
मुरादाबाद में सड़क हादसे में जान गंवाने वाले मां-बेटे और दो सगी बहनों समेत आठ लोगों के जनाजे सोमवार सुबह कोरवाकू गांव में एक साथ उठे तो हर आंख नम हो गई। जनाजे में हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान लोग पीड़ित परिवारों को ढांढस तो बंधा रहे थे, मगर खुद भी गम में डूबे दिखाई दिए। जनाजे की नमाज के बाद गमगीन माहौल में शवों को गांव के ही कब्रिस्तान में ले जाकर सुपुर्द खाक कर दिया गया जबकि जुबैर के शव को रविवार रात ही दफना दिया था। मैजिक चालक मोहम्मद आलम को उनके गांव के कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया। भोजपुर क्षेत्र के कोरवाकू गांव निवासी डॉ. इसरार की बुआ मैसर जहां रामपुर के खेमपुर गांव में रहती हैं। रविवार को मैसर जहां की बेटी सायदा की शादी थी। डॉ. इसरार के परिवार की महिलाएं, पुरुष और बच्चे समेत 23 लोग टाटा मैजिक में सवार होकर शादी समारोह में शामिल होने खेमपुर जा रहे थे। अलीगंज-दलपतपुर मार्ग पर खैरखाता गांव के पास सामने (दलपतपुर की ओर) से आ रहे तेज रफ्तार कैंटर ने टाटा मैजिक में टक्कर मार दी थी। इस हादसे में कोरवाकू निवासी आसिफा (40) पत्नी इस्तेकार, उसके बेटे बिलाल (10), हनीफा (42) पत्नी इकरार, सुलेमान की बेटियां दानिया (10) और बुशरा (7), जुबैर (45) पुत्र मुन्नन, मुनीजा (18) पुत्री छोटे, हुकुमत (60) पत्नी शब्बीर, मुशरफा (25) पुत्री अब्बास और कटघर के बरवाला मझरा निवासी मैजिक चालक मोहम्मद आलम की मौत हो गई थी। जबकि 13 घायलों का अलग अलग अस्पतालों में उपचार चल रहा है। रविवार रात एक के बाद एक नौ शव कोरवाकू गांव में पहुंचे। शवों के पहुंचते ही परिजन समेत पूरे गांव में हाहाकार मच गया। सोमवार सुबह से ही कोरवाकू में मृतकों और घायलों के रिश्तेदारों के अलावा आस-पड़ोस के दस-बारह गांवों के लोगों का जुटान शुरू हो गया। परिजन जहां अपनों को खोकर सुबक रहे थे तो वहीं उन्हें सांत्वना दे रहे ग्रामीणों की आंखों भी आंसू थे। वह कभी किसी के घर तो कभी किसी के घर जाकर मृतकों के परिजन को संभालने का प्रयास करते रहे। इस दौरान हर कोई उस वक्त को कोस रहा था, जिस समय ने एक ही पल में दस लोगों को निगल लिया। किसी की मां बिलख रही थी, तो किसी के पिता माथा पकड़कर खुद को कोस रहे थे। कोई बहन अपने भाई की मौत पर तड़प रही थी, तो कोई भाई अपनी बहन के लिए आंसू बहा रहा था। सोमवार सुबह करीब दस बजे मस्जिद से एलान किया गया कि दूल्हा प्रधान के खेत में जनाजे की नमाज अदा की जाएगी। इसके बाद सभी आठ जनाजे लेकर ग्रामीण खेत में पहुंचे। जहां 10:50 बजे जनाजे की नमाज अदा की गई। जिसमें करीब पांच हजार लोग शामिल हुए। इसके बाद सभी जनाजे एक साथ उठाए गए और गांव के ही कब्रिस्तान में ले गए। यहां गमगीन माहौल में सभी को सुपुर्दे खाक कर दिया गया।