पुराने संविदा कर्मचारियों को BEL में स्थायी भर्ती में नहीं मिलेगी वरीयता
बीईएल भारत सरकार के स्वामित्व वाली एअरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र से जुड़ी इलेक्ट्रानिक कंपनी है। जो मुख्य रूप से जमीन और एअरोस्पेस के लिए उन्नत इलेक्ट्रानिक उत्पाद बनाती है, जो रक्षा मंत्रालय के तहत नौ सार्वजनिक उपक्रमों में से एक है।

Management Discrimination: भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (BEL) में काम करने वाले संविदा कर्मचारियों ने प्रबंध तंत्र पर भेदभाव और सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। बताया गया है कि कंपनी ने पिछले कई वर्षों से काम कर रहे कर्मचारियों को अपने स्थायी पदों के लिए योग्य न मानते हुए वरीयता श्रेणी से अलग रख दिया है।
विज्ञापन में साफ किया कि स्थायी पदों के लिए Contract Workers का अनुभव अमान्य
भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड कंपनी ने अपनी नई रिक्तियों के लिए निकाले विज्ञापन में स्पष्ट किया है कि बीईएल में कार्य करने वाले विभिन्न प्रकार के संविदात्मक कर्मियों के अनुभव समेत अन्य किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी में काम करने वाले या पहले काम कर चुके कर्मचारियों के अनुभव को अपने स्थायी पदों के लिए अमान्य मानती है।
Vacancies के लिए विज्ञापन अगस्त और सितंबर में निकाले गये थे
कंपनी में करीब तीन हजार संविदात्मक इंजीनियर कार्यरत है और करीब दस हजार बीईएल से अब तक जा चुके हैं। बीईएल गाजियाबाद के लिए स्थायी रिक्तियों के लिए पिछले महीनों में विज्ञापन निकाले हैं। पहला विज्ञापन 31 अगस्त 2022 को निकला, जिसमें वरिष्ठ अभियंता के लिए चार और उप प्रबंधक के लिए दो रिक्तियां थी। स्थायी रिक्ति के लिए दूसरा विज्ञापन 14 सितंबर 2022 को प्रकाशित किया, जिसमें उप अभियंताओं के लिए 24 रिक्तियां थी।
BEL में काम कर चुके दस हजार कर्मी अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं
दोनों विज्ञापनों में स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया कि बीईएल/ अन्य सार्वजनिक उपक्रमों में कार्य करने वाले प्रशिक्षुओं/ निश्चित कार्यकाल वाले इंजीनियरों/ संविदात्मक अनुबंध पर कार्य करने वाले इंजीनियरों के पूर्व के अनुभव को विज्ञापित पदों के लिए प्रासंगिक अनुभव नहीं माना जाएगा। जिसके चलते बीईएल में काम किए करीब 10 हजार और अन्य पीएसयू में कार्य करने वाले बड़ी संख्या में ऐसे इंजीनियर ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
दूसरी सरकारी कंपनियों में दी जाती है कई तरह की छूट
वहीं, इससे इतर अन्य सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) जैसे गेल, एनएलसी, सी डेक आदि में पहले से कार्य करने वाले प्रशिक्षुओं को स्थायी भर्तियों में कई तरह की रियायत और छूट प्रदान की जा रही है। बताया जा रहा है कि यह निर्णय बीईएल प्रबंधन ने स्वयं लिया है। यहां कर्मचारियों में बीईएल के इस निर्णय को लेकर काफी सवाल उठ रहे हैं। कंपनी में काफी संविदात्मक इंजीनियर वर्षों से काम कर रहे हैं।
कंपनी के जिम्मेदार अफसरों का कहना है कि मुख्यालय से आता है आदेश
इस बाबत बीईएल गाजियाबाद के मानव संसाधन विभाग से संपर्क किया गया तो बताया गया कि वे बंगलुरु स्थित कंपनी मुख्यालय से मिलने वाले दिशानिर्देशों का अनुपालन कराते हैं। नियमों में बदलाव कराने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। भले ही भर्ती का विज्ञापन गाजियाबाद समेत अन्य किसी भी इकाई के लिए निकला गया है, शर्ते मुख्यालय स्तर से तय होती हैं। कर्मचारियों को भी कंपनी की ओर सेकोई जवाब नहीं दिया गया है।