नंगली के ग्राम प्रधान पति ने कानून को ताक पर रखकर शुरू किया नवनिर्माण अधिकारियों ने रुकवाया।
किठौर। माछरा ब्लॉक के नंगली किठौर स्थित गांव में तालाब का सरंक्षण नहीं होने से तालाब के अस्तित्व को खतरा बढ़ रहा है। स्थिति यह है कि तालाब की सफाई नहीं होने से उसकी लम्बाई व चौड़ाई
लगातार घट रही है वही लोगों के द्वारा तालाब की जमीन पर ही मकान आदि बनाकर अतिक्रमण करने से उसकी लंबाई व चौड़ाई कम होने से ग्रामीणों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है। तालाब को संरक्षित किए जाए तो गांव के सौंदर्यीकरण के साथ गांव को पानी की समस्या से मुक्ति मिल सकती है। खासबात यह है कि इस तालाब का अतिक्रमण करने वाले ग्राम प्रधान पति प्रहलाद व उसके बेटों द्वारा किया जा रहा है जिस कारण यह तालाब एक बार फिर बारिश व गांव का पानी आने के कारण ओवरफ्लो हो गया है
तालाब का संरक्षण हुआ तो बढ़ेगी गांव की सुंदरता।
गांव के बीचों बीच स्थित तालाब का यदि ग्राम पंचायत द्वारा संरक्षण किया गया तो न केवल गांव की सौंदर्यता बढ़ेगी बल्कि पेयजल आपूर्ति सहित गांव के रास्तों में बह रहे पानी को रोकने के लिए भी इस तालाब का उपयोग किया जा सकता है। गांव के बीचोंबीच मे स्थित इस तालाब को देखने वाला कोई भी नहीं है
मौजूदा ग्राम पंचायत कार्यालय से महज कुछ कदम की दूरी पर स्थित तालाब के बारे में ग्राम प्रधान सहित गांव के बुजुर्गों की माने तो ये तालाब लगभग आठ से नौ बीघा जमीन पर मौजूद था लेकिन ग्राम प्रधान सहित अन्य लोगों ने इस पर अवैध कब्जा कर रखा है यदि मौजूदा समय पर देखा जाए तो तालाब लगभग तीन बीघा में ही रह गया है । वही तालाब के चारों ओर ग्राम प्रधान व अन्य लोगों के अतिक्रमण होने से तालाब के निकासी बंद हो गई और बारिश से तालब ओवर फ्लो होकर रह गया है ।
गांव के बीच में स्थित तालाब पर ग्राम प्रधान पति ने किया है अवैध कब्जा।
गांव के भूमाफियाओं द्वारा तालाब की इस जमीन पर अपना कब्जा करने की पहले भी कोशिश की जा चुकी है जिसका संज्ञान लेकर भूविभाग के अधिकारियों द्वारा ग्राम प्रधान सहित लगभग 27 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया हुआं है जो कि कोर्ट में भी विचाराधीन बावजूद इसके ग्राम प्रधान ने अपनी दबंगई के चलते इस पर नवनिर्माण कार्य कराना शुरू कर दिया। ग्रामीणों द्वारा इसकी जानकारी भूमि विभाग के आला अधिकारियों को मिलते ही मौके पर टीम निर्माण कार्य को तुरंत बंद कराते हुए ग्राम प्रधान को चेता है कि जब तक कोर्ट का कोई फैसला नहीं आ जाता इस पर किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता।
क्या कहते हैं अधिकारी।
वही इस मामले में कानूनगो धर्मपाल सिंह का कहना है कि जब तक कोर्ट का आदेश नहीं आएगा कोई भी व्यक्ति इस पर निर्माण कार्य नहीं कर सकता।
वही इस मामले में शोरभ अग्रवाल ने बताया कि मामला कोर्ट में विचार अधीन है तथा इस तरह से ग्राम प्रधान के द्वारा नवनिर्माण करने पर कोर्ट के आदेश की अवहेलना की जा रही है जोकि सरकार की नीति के खिलाफ है जिसको किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा