अलीगढ़ में जिला प्रशासन ने गरीबों के राशन की कालाबाजारी किये जा रहे चावल के गोदामों पर की गई छापामार कार्रवाई, दो गोदामों से करीब 400 बोरे चावल व गाड़ियां बरामद कर की गई सीलिंग की कार्रवाई
अलीगढ़ में गरीबों के राशन की कालाबाजारी थमने का नाम नहीं ले रही है। लेकिन, इसी बीच अलीगढ़ जिला प्रशासन ने दो थाना क्षेत्रों में गोदामों पर छापा मार कार्यवाही कर करीब 400 बोरे राशन के चावल से भरे बरामद किए हैं। वहीं, मौके से तीन से चार वाहन भी बरामद कर गोदामों को सील किया गया है। हालांकि, छापामार कार्यवाही की सूचना मिलते ही गोदामों पर से लेबर व राशन माफिया फरार होने में सफल हो गए।
अलीगढ़ के थाना महुआखेड़ा इलाके के धनीपुर मंडी के पीछे लंबे अरसे से राशन के चावल की कालाबाजारी कर रहे राशन माफिया गजेंद्र के गोदाम पर एडीएम प्रशासन अमित भट्ट के नेतृत्व में एसीएम अमान अंसारी व डीएसओ शिवाकांत पांडे की संयुक्त टीम ने मुखबिर खास की सूचना पर छापामार कार्यवाही को अंजाम दिया गया। यह छापामार कार्यवाही सोमवार व मंगलवार की मध्य देर रात्रि तक चलती रही। इस कार्यवाही में कालाबाजारी किए जा रहे गरीबों के राशन के डेढ़ सौ बोरे गोदाम के भीतर कैंटर व छोटा हाथी वाहन में लदे हुए मिले। एसीएम प्रथम अमान अंसारी व डीएसओ शिवाकांत पांडे ने बताया है कि गजेंद्र लंबे अरसे से राशन माफिया घोषित है। इसके विरुद्ध पहले भी कई कार्रवाई हो चुकी है। एक बार फिर से इसके गोदाम से डेढ़ सौ बोरे राशन के चावल से भरे हुए बरामद हुए हैं। मौके पर इलाका पुलिस को बुलवाकर गोदाम को सील कर दिया गया है।
वहीं, दूसरी कार्यवाही ऊपरकोट कोतवाली इलाके के कमेला रोड पर राशन माफिया सरफराज के गोदाम पर की गई। जहां से करीब ढाई सौ से अधिक राशन के चावल से भरे बोरे बरामद हुए हैं। मौके से कैंटर व अन्य लोडर वाहन भी बरामद हुआ है। जिसमें माल भरा जा रहा था। हालांकि छापामार कार्यवाही की सूचना से पहले ही गोदामों पर से राशन माफिया व लेबर के साथ फरार हो गए। प्रशासनिक टीम ने मौके से माल बरामद कर गोदाम को सील कर दिया गया है। यहां डीएसओ शिवाकांत पांडे ने बताया है कि दोनों गोदामों से करीब 400 बोरे कालाबाजारी किए जा रहे राशन के चावल से भरे बरामद किए गए हैं। आगे बताया है कि कोटेदार दुकानों से गरीबों को राशन का चावल व अन्य सामान वितरित करते हैं। उसके बाद कुछ कार्ड धारक चावल को खाते हैं, तो कुछ उन चावलों को गली मोहल्ले में फेरी लगाने वालों को बेच दिया करते हैं। यह राशन माफिया उन फेरी वालों से चावल को खरीद कर गोदामों में स्टोर करते हैं। और बड़े पैमाने पर उसकी कालाबाजारी की जाती है। यहां आपको बताते चलें कि राशन का चावल किसी भी रूप में कालाबाजारी नहीं किया जा सकता है। क्योंकि प्रशासन इस चावल को गरीबों में वितरण करने के लिए भेजता है।