बच्चों की सलामती के लिए माताओं ने रखा अहोई माता का उपवास, सुनी कथा और बुजुर्ग महिलाओं का पाया आशीर्वाद

बच्चों की सलामती के लिए माताओं ने रखा अहोई माता का उपवास, सुनी कथा और बुजुर्ग महिलाओं का पाया आशीर्वाद

संवाददाता आशीष चंद्रमौलि

बडौत। तहसील क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में अपने बच्चों की स्वास्थ्य, शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य के लिए माताओं ने अहोई माता का व्रत रखा तथा पर्व पर श्रद्धा और भक्ति के भाव से बाजारों में खरीदारों की व कथा सुनी।इस दौरान महिलाओं ने चांदी के मनके जिसे गांव में शाहु बछड़े कहा जाता है ,बच्चों के गले में डालकर उनके मंगल कामनाएं की व मिट्टी और घडे घरों में रखकर जल से भरकर सुख समृद्धि की भाव संजोए। 

गुरुवार के दिन महिलाओं ने व्रत रखकर अहोई माता की कथा बड़ी बुजुर्ग महिलाओं से अहोई माता की कथा सुनी तथा उनका आशीर्वाद पाया। जागौश गांव निवासी 80 साल की बुजुर्ग माता लीलावती बताती हैं कि ,आज के दिन सभी महिलाएं अपने बच्चों को आशीर्वाद देकर उनके मंगल कामना की दुआ करते हुए अहोई माता का गुणगान करते हुए निर्जला व्रत रखकर अहोई माता की कथा सुनती हैं व उपवास रखती हैं। हर वर्ष संतान की उम्र के लिए गले में चांदी के गौ बछड़े डालकर उनके उज्ज्वल भविष्य की उनकी माताएं कामना करती हैं । इस मौके पर अनीता,बबीता ,शिवानी , कुसुम कौशिक आदि महिलाओं ने अहोई माता की कथा सुनी।