वैशाख मास की त्रिविध पावनी बुद्ध पूर्णिमा पर निकाली गई सद्भावना धम्म मैत्री यात्रा
रमेश बाजपेई
रायबरेली।वैशाख मास की त्रिविध पावनी बुद्ध पूर्णिमा पर शहर में सद्भावना धम्म मैत्री यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में विभिन्न महापुरुषों के जीवन पर आधारित झांकियों ने लोगों को काफी प्रभावित किया। लोगों में शांति, सद्भाव एवं आपसी भाईचारा कायम करने के लिए इस यात्रा का आयोजन किया गया।जनपद रायबरेली के विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, धार्मिक एवं गैर राजनीतिक संगठनों के संयुक्त तत्वाधान में त्रिविध पावनी बुद्ध पूर्णिमा धूमधाम से मनाई गई। सबसे पहले बुद्ध के अनुयायियों ने शहर के हाथी पार्क स्थित बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर प्रतिमा के पास एकत्रित हुए जहां पर बौद्ध भिक्षु डॉ. कमलसील ने लोगों को त्रिरत्न वंदना प्रदान किया। तत्पश्चात सामाजिक चिंतक के.पी. राहुल ने इस बैशाखी पूर्णिमा के महत्व को विस्तार से समझाया। उसके पश्चात विश्व दलित परिषद के अध्यक्ष राजेश कुरील के नेतृत्व में सद्भावना धम्म मैत्री यात्रा निकाली गई। यह यात्रा अंबेडकर प्रतिमा स्थल से होते हुए यूनियन बैंक चौराहा, खालसा चौराहा, सुपर मार्केट, घंटाघर चौराहा, दीवानी कचहरी रोड, बस स्टॉप चौराहा, शहजादा कोठी, पुलिस लाइन चौराहा, डीएम आवास पर स्थापित बुद्ध प्रतिमा, सुपच सुदर्शन महाराज प्रतिमा, संत गाडगे प्रतिमा होते हुए अस्पताल चौराहा और अन्त में डॉ. अंबेडकर प्रतिमा स्थल पहुंची, जहां पर यात्रा का समापन कर दिया गया। इस दौरान वाल्मीकि सामाजिक न्याय मंच के शिव शंकर वाल्मीकि और दिनेश वाल्मीकि, अधिवक्ता संघ के शिव नारायण मौर्य, चंद्रगुप्त मौर्य सेवा संस्थान के राजकुमार मौर्य, शिव बालक मौर्य के नेतृत्व में यात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। अध्यक्ष डॉ सुनील दत्त ने लोगों को त्रिविध पावनी बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक बधाई दी तथा बताया कि इस वैशाख माह की पूर्णिमा को भगवान तथागत बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व लुंबिनी में हुआ था तथा इसी वैशाख माह की पूर्णिमा को 528 ईसा पूर्व बोधगया में उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था तथा इसी वैशाख माह की पूर्णिमा को 483 ईसा पूर्व कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण हुआ था। इसलिए वैशाख माह की पूर्णिमा बौद्ध जनों के लिए त्रिगुणी बुद्ध पूर्णिमा मानी जाती है।