जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को बचाने के लिए 11 को दिल्ली में ऐतिहासिक धर्म रैली का आह्वान

झारखण्ड़ और केंद्र सरकार के फैसले से आक्रोश
संवाददाता नीतीश कौशिक
बागपत।देशभर के जैन संत अब झारखण्ड़ राज्य सरकार और केन्द्रीय वन मंत्रालय द्वारा जैन समाज के प्रसिद्ध जैन तीर्थ तीर्थराज सम्मेद शिखर को वन्य जीव अभयारण्य का हिस्सा बताने और पर्यावरण पर्यटन की अनुमति देने के पहले दिन से ही घोर चिंता और आक्रोश के चलते दिल्ली में बड़ी रैली कर 11 दिसम्बर में आंदोलन की रूपरेखा की घोषणा करेंगे | जैन समाज सहित आमजनता को जोडते हुए आंदोलन को देशव्यापी बनाने की रणनीति की घोषणा होगी 11 दिसम्बर को |
जैन संत ऐल्लक श्री 105 विज्ञान सागर जी महाराज ने कहा कि जैन समाज में सम्मेद शिखर को तीर्थराज का दर्जा हासिल है। सरकार के इस गलत फैसले से तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान और पवित्रता नष्ट होने के कगार पर है। सरकार से जैन समाज के विभिन्न संगठन इस बारे में बात कर चुके हैं, लेकिन सरकार अपने इस अनुचित और गलत फैसले को वापस नहीँ लेना चाहती।
बताया कि इस समय तीर्थराज सम्मेद शिखर क्षेत्र पर लगातार भारी संख्या में पेडों का कटान चल रहा है, वहां पर मांस और मंदिरा की बिक्री लगातार बढ़ रही है। सरकार के इस फैसले के बाद जैन समाज के सबसे बड़े तीर्थ पर अब सभी अनुचित कार्य हो रहे हैं, जिनका जैन धर्म में घोर विरोध किया गया है।
विज्ञान सागर महाराज ने जैन समाज, पर्यावरण प्रेमियों, ऐतिहासिक धरोहरों व इतिहास प्रेमियों ,धर्म के रक्षकों व संस्कृति के रक्षकों से जैन तीर्थ को बचाने के लिए 11 दिसम्बर को नई दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में होने वाले श्री सम्मेद शिखर जी बचाओं आन्दोलन को तेज करने सहित विशाल धर्मसभा व रैली में पहुॅंचने का आह्वान किया।