अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक डॉ रामकरण के प्रयास से विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों ने युवा विद्यार्थियों को दिया कैरियर संबंधित मार्गदर्शन

अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक डॉ रामकरण के प्रयास से विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों ने युवा विद्यार्थियों को दिया कैरियर संबंधित मार्गदर्शन

परीक्षा पर जीत :युवाओं ने जाना सफलता का गुरुमंत्र

ब्यूरो डा योगेश कौशिक

बडौत । जनता वैदिक कॉलेज और नेहरू युवा केन्द्र बागपत के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित परीक्षा पर संगोष्ठी ऑनलाइन कार्यक्रम में सैकड़ों विद्यार्थियों ने विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त कर परीक्षा में सफलता का रहस्य जाना और अपना आत्मविश्वास बढ़ाया। कार्यक्रम का संचालन अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक डॉ राम करण शर्मा ने किया, जिसमें ऑनलाइन प्रतिभागियों से संबंधित जानकारी ली। 

वक्ताओं में नेहरू युवा केन्द्र के जिला युवा अधिकारी अरुण तिवारी, अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक डॉ राम करण शर्मा , दिगंबर जैन कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग से असिस्टेंट प्रो डॉ नीरज राणा, वरिष्ठ कैरियर काउंसलर डॉ प्रियंका शर्मा , जिला अस्पताल से साइकेट्री के परामर्शदाता डॉ अजय कुमार और चिकित्सा अधीक्षक डॉ विभाष राजपूत आदि रहे।

इस दौरान युवा विद्यार्थियों से प्राप्त प्रश्नों के जवाब देने के क्रम में इंटरमीडिएट कॉलेज सरूरपुर खेड़की के कक्षा 11 के छात्र लक्की ने पूछा कि ,क्या स्ट्रेस स्वाभाविक है और इससे कैसे उभरें? जवाब में डॉ नीरज चौधरी ने बताया कि, स्ट्रेस सकारात्मक और नकारात्मक होता है ,जिसमें परीक्षा का स्ट्रेस सकारात्मक होता है, जो हमें सजग करता है और परीक्षा की समर्पण के साथ तैयारी के लिए प्रेरित करता है। साथ ही रचनात्मक कार्यों के लिए सकारात्मक स्ट्रेस होना आवश्यक है ,जो हमें उद्देश्य की राह पर अग्रसर रहने के लिए प्रेरित करता है। स्ट्रेस के प्रति दृष्टिकोण बदल कर हम इससे उभर सकते हैं। वहीं डॉ विभाष राजपूत ने बताया कि ,स्ट्रेस को ओवर स्ट्रेस न बनने दें और परीक्षा के दिन से पूर्व पूरी नींद लें। इसी संदर्भ में वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की रिसर्च का संदर्भ देते हुए डॉ रामकरण शर्मा ने बताया कि ,हमें पढ़ाई लगातार न करके 30 से 45 मिनट के सत्र बनाकर करनी चाहिए।

उड़ान युवा मंडल ट्योढी से कशिश ने पूछा कि ,परीक्षा के समय में माता पिता द्वारा खेलने की मनाही की जाती है और हमें बोला जाता है कि हम केवल पढ़ाई करें। क्या यह सही है? -- इस प्रश्न के जवाब में जिला युवा अधिकारी अरुण तिवारी ने बताया कि, एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है ,जिसमें हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखने में खेल बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का संदर्भ देते हुए डॉ रामकरण शर्मा ने भी बताया कि ,खेलों में प्रतिभाग करते रहने से हमारे न्यूरॉन्स भी बढ़ते हैं और हमारी मानसिक क्षमता में भी वृद्धि होती है। डॉ अजय कुमार ने मनोरंजन छोड़कर मनोमंजन पर ध्यान देने पर जोर दिया। बताया कि सोशल मीडिया के आ जाने से हम खेलों से दूर होते जा रहे हैं, इसलिए हमें सोशल मीडिया से ध्यान हटाकर, हमें सशक्त करने वाली पाठ्य सामग्री पर ध्यान लगाना चाहिए।

बागपत से एक प्रतिभागी ने पूछा कि आईआईटी की तैयारी कैसे करें? अगर हम 12वीं के बाद आईआईटी उत्तीर्ण न कर पाएं तो हम क्या कर सकते हैं? --- जवाब में डॉ प्रियंका ने बताया कि, जी मैंस में दो बार अप्लाई करने का अवसर मिलता है ,जिसमें हम एडवांस क्लियर करके आईआईटी में जा सकते हैं। उन्होंने डॉ राम करण शर्मा द्वारा आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई कर स्कॉलरशिप के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक बनने का उदहारण भी दिया।

खेकड़ा से देवांश गुप्ता ने पूछा कि एग्जाम आने वाले हैं और बहुत टेंशन है ,क्योंकि अभी सिलेबस पूरा नहीं हुआ है। इसके लिए क्या कर सकते हैं?--- डॉ नीरज चौधरी ने किसी भी जानकारी को टुकड़ों में करते हुए याद करने की सलाह दी ,जिसके माध्यम से जानकारी को बेहद कम समय में याद कर सकते हैं, ग्रुप स्टडी इस प्रकार की स्थिति में बेहद प्रभावी है। साथ ही किसी भी जानकारी को लिखकर आसानी से याद कर सकते हैं। डॉ रामकरण शर्मा ने रिव्यू रिवाइज एंड रिपीट का फॉर्मूला दिया। बताया कि, अगर हम कोई कॉन्सेप्ट किसी अन्य को पढ़ाते हैं, तो निश्चित ही वह कॉन्सेप्ट हमारी मेमोरी में भी शामिल हो जाता है। बागपत से माही राणा ने पूछा कि ,आईएएस कैसे बन सकते हैं? -- जवाब में डॉ प्रियंका ने बताया, यूपीएससी का एग्जाम, ग्रेजुएशन के बाद दिया जाता है ,जिसमें सामान्य ज्ञान काफी महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम संयोजन में डॉ प्रताप चौधरी, डॉ मनोज कुमार और नेहरू युवा केंद्र से स्वयंसेवक अमन कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑनलाइन संगोष्ठी में परीक्षा पर जीत का गुरु मंत्र पाकर सभी युवाओं ने वक्ताओं के प्रति आभार जताया।