जुनून होना चाहिए लक्ष्य को पाने के लिए सपना तो हर कोई देखता है दूसरों को बताने के लिए (सरबजीत घुम्मन)
मवाना इसरार अंसारी। मंजिलें यूं ही नहीं मिलती राही को जुनून सा दिल में जगाना पड़ता है पूछा चिड़ियों से कि घोंसला कैसे बनता है वह बोली कि तिनका तिनका उठाना पड़ता है। नगर में मेरठ रोड पर स्थित मदर्स इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की प्रबंधक सरबजीत घुम्मन के प्रयासों और कुर्बानियां पर यह शेर बिल्कुल सटीक बैठता है स्कूल में विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला में एक नई जुनूनियत के साथ डिस्कवरिंग टैलेंट एंड पोटेंशियल जुनूनियत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों के लिए प्रतियोगिताओं के माध्यम से राष्ट्रभाव का जुनून और लक्ष्य की अलख जगाना है। इस दौरान प्रतियोगिता का शुभारंभ विद्यालय की प्रबंधक सरबजीत घुम्मन एवं प्रधानाचार्या प्रियंका सिंह ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम में पोस्टर मेकिंग, जीके क्विज, राइटिंग कंपटीशन ,सोलो डांस, सोलो रेसिटेशन आदि विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। मदर्स इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के साथ अन्य विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। प्रतियोगिताओं के लिए अलग-अलग प्रतिभा में पारांगत व्यक्तियों ने निर्णायक की भूमिका निभाई। प्रतियोगिताओं में विजेता रहे मैधावी शगुन, पलक, अदिति, मिस्टी, दिव्या, सदमान, दक्ष प्रजापति, अंश, अंशिका, कुणाल, आरव, तेजस, आशिया, जतिन, आनंदी, सपना, अभय , नीशु, आलिया एवं आदित्य को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में शामिल अभिभावक व अतिथिगण ने पूरे कार्यक्रम की प्रशंसा की। प्रतियोगिताओं के बीच में वैदिक गणित , क्लीन एंड ग्रीन इंडिया की छोटी-छोटी कार्यशाला आयोजित की गई। इस मौके पर बच्चों को उरी द सर्जिकल स्ट्राइक की स्क्रीनिंग भी दी गई जिसको देखकर बच्चों में देश भाव के प्रति नई ऊर्जा का संचार हुआ। इस दौरान विद्यालय की प्रबंधक सरबजीत घुम्मन ने सभी बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। वहीं प्रधानाचार्या प्रियंका सिंह ने सभी का अभिनंदन करते हुए आभार जताया। इस दौरान स्कूल में मौजूद अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधक सर्वजीत घुम्मन के द्वारा समय-समय पर इस प्रकार के कार्यक्रम से बच्चों में पढ़ाई के साथ-साथ देश सेवा की भावनाएं जागरत हो रही है यह उनके द्वारा बड़ा ही सराहनीय कार्य है। भविष्य में बच्चे सरबजीत घुम्मन के द्वारा किए जा रहे प्रयासों को भूल नहीं पाएंगे और हमेशा याद कर उनके पद चिन्हों पर चलेंगे।