गाय को माता का दर्जा और सम्मान ,फिर मृत्यु पर क्यों न हों सभी संस्कार ! कृष्णपाल ने पुत्र की तरह किया यज्ञ व तेरहवीं की रस्म
संवाददाता मनोज कलीना
बिनौली | रंछाड़ गांव में गुरुवार को गौवंश प्रेम की मिसाल देखने को मिली। एक पालतू गाय की मौत होने के बाद ग्रामीणों ने तेरहवीं पर यज्ञ किया व गऊमाता के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए परमात्मा से उसके लिए मोक्ष की प्रार्थना भी की गई | इस अवसर पर हुए भंडारे में प्रसाद वितरण भी किया गया।
बता दें कि,हमारे शास्त्रों में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। कृष्ण पाल ने गाय से यही नाता जीवन भर निभाया और सेवा की | इतना ही नहींं परिवार का छोटा बड़ा प्रत्येक सदस्य गाय की सेवा और सम्मान को मातृवत् देता रहा | रंछाड़ गांव निवासी किसान कृष्णपाल की गाय गत 4 दिसंबर को 22 वर्ष की अवस्था मे मौत हो गई थी, जिसका ग्रामीणों ने ढोल बाजों के साथ अंतिम संस्कार भी किया था। इतना ही नहींं पातक दोष के कारण कृष्णपाल व परिवार ने समारोहों से दूरी बनाए रखी |
गऊमाता की तेरहवीं पर पं मदन शर्मा के निर्देशन में वेदमंत्रों के साथ यज्ञ किया गया ,जिसमें सैकड़ों ग्रामीणों ने आहुति दी। इसके अलावा गाय के चित्र पर भी ग्रामीणों ने पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर भंडारे का भी आयोजन कर प्रसाद वितरित किया गया।
तेरहवीं रस्म अदायगी के समय कृष्णपाल सिंह, एसआई ओमवीर सिंह, रविंद्र हट्टी, देशपाल, राजेश, जयप्रकाश, रामकुमार, रामबीर, राजेंद्र, सोनू, बबलू, सचिंद्र, सतेंद्र, मोनू आदि मौजूद रहे।